क्रिसमस के मौके पर पोप ने वेटिकन की कार्य-संस्कृति की नरम शब्दों में आलोचना की

क्रिसमस के मौके पर पोप ने वेटिकन की कार्य-संस्कृति की नरम शब्दों में आलोचना की

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 08:53 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 08:53 PM IST

रोम, 22 दिसंबर (एपी) पोप लियो 14वें ने सोमवार को वेटिकन के विभिन्न कार्डिनल से ताकत की महत्वाकांक्षा और निजी हितों को एक तरफ रखने का आग्रह किया। उन्होंने पोप फ्रांसिस की परंपरा का पालन करते हुए क्रिसमस संदेश के जरिए अपने करीबी सहयोगियों की नरम शब्दों में आलोचना भी की।

लियो ने कार्डिनलों और बिशपों से पूछा,“क्या रोमन क्यूरिया में मित्रता संभव है? वेटिकन के प्रशासनिक तंत्र को क्यूरिया कहा जाता है। इसमें कार्डिनल, बिशप और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।

लियो का यह प्रश्न पूछे जाने से पता चलता है कि अमेरिकी पोप अच्छी तरह जानते हैं कि क्यूरिया एक कठिन और कभी-कभी विषाक्त कार्यस्थल बन जाता है। फ्रांसिस भी अपने वार्षिक क्रिसमस भाषणों में इसकी कड़ी आलोचना करते थे।

लियो फ्रांसिस के बहुत करीबी थे और पोप के रूप में अपने चुनाव से पहले दो साल तक वेटिकन में काम कर चुके थे। उन्होंने फ्रांसिस की उस परंपरा को खत्म नहीं किया जिसमें क्रिसमस के अवसर का उपयोग वेटिकन के प्रशासनिक तंत्र के सदस्यों से अपनी अंतरात्मा की जांच करने और चर्च की भलाई के लिए अपने तरीकों को बदलने का आग्रह करने के लिए किया जाता है।

पोप ने कहा कि दैनिक परिश्रम के बीच भरोसेमंद मित्र मिल जाना एक वरदान है, जहां नकाब उतर जाते हैं, किसी का इस्तेमाल नहीं होता और न ही किसी को किनारे किया जाता है, सच्चा सहयोग मिलता है, और हर व्यक्ति की काबिलियत व महत्व का सम्मान किया जाता है,जिससे मन में कड़वाहट और असंतोष पनपने से रुकता है।

एपी

नोमान माधव

माधव