खालिदा जिया की हालत नाजुक, इलाज के लिए लंदन ले जाया जाएगा

खालिदा जिया की हालत नाजुक, इलाज के लिए लंदन ले जाया जाएगा

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  • Publish Date - December 4, 2025 / 07:37 PM IST,
    Updated On - December 4, 2025 / 07:37 PM IST

ढाका, चार दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की हालत नाजुक बनी हुई है और उनकी देखभाल कर रहे मेडिकल बोर्ड ने बृहस्पतिवार को उन्हें बेहतर इलाज के लिए लंदन भेजने का फैसला लिया।

खालिदा के निजी चिकित्सक ए.जेड.एम. ​​जाहिद हुसैन ने यह जानकारी दी।

‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया (80) को आधी रात के बाद या शुक्रवार तड़के एयर एम्बुलेंस से लंदन ले जाया जाएगा, जहां उनके बड़े बेटे और कार्यवाहक बीएनपी प्रमुख तारिक रहमान रहते हैं।

हृदय और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद 23 नवंबर को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल में भर्ती होने के चार दिन बाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने पर उन्हें ‘कोरोनरी केयर यूनिट’ (सीसीयू) में भर्ती किया गया।

वह तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।

अस्पताल के बाहर हुसैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मेडिकल बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि उन्हें कतर रॉयल एयर एम्बुलेंस के माध्यम से आधी रात के बाद या फिर कल सुबह लंदन ले जाया जाएगा।’’

हुसैन बीएनपी की नीति निर्माण संबंधी स्थायी समिति के सदस्य भी हैं और उन्होंने जिया की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर स्पष्ट रूप से कोई टिप्पणी नहीं की।

बीएनपी ने एक सूची जारी करते हुए कहा है कि 14 लोग जिया के साथ लंदन जाएंगे, जिनमें जिया के दिवंगत छोटे बेटे अराफात रहमान की पत्नी सईदा शमीला रहमान हैं और छह चिकित्सक शामिल हैं।

कतर ने कहा कि वह जिया को लंदन ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने को तैयार है। उधर बृहस्पतिवार को सेना और वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर ने ढाका के एवरकेयर अस्पताल की छत पर उतारने का परीक्षण किया।

जिया ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ की खबर के अनुसार, चार सदस्यीय चीनी चिकित्सा दल बुधवार देर रात एवरकेयर अस्पताल पहुंचा था जहां बीएनपी अध्यक्ष के उपचार विकल्पों की समीक्षा के लिए उन्होंने मेडिकल बोर्ड के साथ बैठक की।

डॉ. रिचर्ड ब्यूल के नेतृत्व में ब्रिटेन के चार सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम जिया के उपचार में जुटी थी और चीनी चिकित्सकों का दल भी इसमें शामिल हो गया।

चीनी चिकित्सकों का यह दूसरा बैच था इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में चीन से पांच सदस्यीय दल प्रारंभिक सहायता प्रदान करने के मकसद से एक दिसंबर को ढाका पहुंचा था।

भाषा यासिर नरेश

नरेश