कुवैत में 45 भारतीय नागरिकों के शवों की हुई पहचान, सात मंजिला इमारत में आग लगने से हुआ था हादसा |

कुवैत में 45 भारतीय नागरिकों के शवों की हुई पहचान, सात मंजिला इमारत में आग लगने से हुआ था हादसा

कुवैती अधिकारियों ने 45 भारतीयों और फिलीपीन के तीन नागरिकों के शवों की पहचान की

Edited By :   Modified Date:  June 13, 2024 / 09:20 PM IST, Published Date : June 13, 2024/8:19 pm IST

दुबई/कुवैत सिटी। कुवैत के अधिकारियों ने विदेशी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में आग लगने की घटना में मारे गए 45 भारतीयों और फिलीपीन के तीन नागरिकों के शवों की पहचान कर ली है। एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कुवैत ने घटना की त्वरित जांच करने और मृतकों के शवों को भेजने में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है।

दक्षिणी शहर मंगाफ में बुधवार को सात मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। इस इमारत में 196 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे।

अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र ‘अरब टाइम्स’ की खबर के अनुसार प्रथम उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने कहा कि अधिकारियों ने 48 शवों की पहचान कर ली है, जिनमें 45 भारतीय और तीन फिलीपीन के नागरिक हैं।

प्रथम उप प्रधानमंत्री ने कहा कि शेष एक शव की पहचान के प्रयास अब भी जारी हैं।

कुवैती अधिकारी दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में हुई विनाशकारी आग की घटना में मारे गए लोगों के शवों का डीएनए परीक्षण करा रहे हैं तथा घटना में मारे गए भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना का एक विमान तैयार रखा गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में यह जानकारी दी।

घटना में घायल हुए भारतीयों को दी जाने वाली सहायता का जायजा लेने तथा मृतकों के शवों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए कुवैत पहुंचे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से मुलाकात की, जिन्होंने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया तथा त्रासदी की शीघ्र जांच करने की प्रतिबद्धता जताई।

सिंह ने घटना में घायल हुए कुछ भारतीयों से भी मुलाकात की और उन्हें भारत सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

उन्होंने प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद से मुलाकात की, जिन्होंने अमीर की ओर से संवेदना व्यक्त की तथा सभी आवश्यक सहायता एवं समर्थन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

भारतीय मिशन ने बताया कि सिंह ने कुवैती प्राधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सक्रिय सुविधा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उप प्रधानमंत्री और कुवैत के नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।

शेख फहाद ने कहा कि कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता वितरित करने के निर्देश जारी किए हैं, हालांकि उन्होंने मुआवजे की राशि का उल्लेख नहीं किया। इसके अतिरिक्त, अमीर ने मृत भारतीयों के शवों को भारत भेजने के लिए सैन्य विमान तैयार करने का आदेश दिया है।

शेख फहाद बृहस्पतिवार को कुवैत के कई क्षेत्रों में अवैध संपत्तियों को लेकर समग्र निरीक्षण अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

अखबार के अनुसार, मंत्री ने लोक निर्माण मंत्री और नगर पालिका मंत्री डॉ. नोरा अल-मशान के साथ अल-मंगाफ, अल-महबौला, खेतान और जिलिब अल-शुयूख में अपना निरीक्षण अभियान शुरू किया।

इस अभियान में गृह मंत्रालय, कुवैत नगर पालिका, कुवैत अग्निशमन बल, विद्युत एवं जल मंत्रालय तथा सार्वजनिक जनशक्ति प्राधिकरण ने भाग लिया।

मंत्री ने आगाह किया कि बृहस्पतिवार से भवन निर्माण से संबंधित किसी भी उल्लंघन पर बिना किसी पूर्व चेतावनी के कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने आग लगने की जगह का निरीक्षण करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘बृहस्पतिवार से नगर पालिका और उसकी टीमें बिना किसी पूर्व चेतावनी के सभी अपार्टमेंट इमारतों में सभी उल्लंघनों पर कार्रवाई करेंगी।’

मंत्री ने कहा कि आग के कारणों की जांच पूरी होने तक प्रभावित इमारत के मालिक को हिरासत में रखा जाएगा।

इस बीच, कुवैत के सरकारी वकील ने घटना की जांच शुरू कर दी है। सरकारी वकील ने ‘एक्स’ पर कहा कि जांच का उद्देश्य घटना के पीछे की परिस्थितियों और आग लगने के कारणों का पता लगाना है।

आग कैसे लगी या किस वजह से लगी, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

स्थानीय मीडिया ने बताया कि इमारत के भूतल से गैस लीक होना एक कारण हो सकता है।

कुवैत अग्निशमन विभाग के जांच प्रमुख कर्नल सईद अल-मौसवी ने कहा कि आग के कारणों की जांच कर रही टीम ने पाया कि अपार्टमेंट और कमरों के बीच ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण काला धुआं उठा।

उन्होंने कहा कि कई पीड़ितों का सीढ़ियों से नीचे उतरने की कोशिश करते समय दम घुट गया, क्योंकि सीढ़ियों पर घना धुआं पसर गया था।

उन्होंने कहा कि पीड़ित छत पर नहीं जा सके, क्योंकि दरवाजा बंद था।

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