मलेशिया के नये प्रधानमंत्री के सामने होगी ध्रुवीकृत समाज को एकजुट करने की बड़ी चुनौती |

मलेशिया के नये प्रधानमंत्री के सामने होगी ध्रुवीकृत समाज को एकजुट करने की बड़ी चुनौती

मलेशिया के नये प्रधानमंत्री के सामने होगी ध्रुवीकृत समाज को एकजुट करने की बड़ी चुनौती

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : August 21, 2021/4:00 pm IST

कुआलालंपुर, 21 अगस्त (एपी) इस्माइल साबरी याकूब शनिवार को मलेशिया के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और इसके साथ ही देश में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी की सत्ता में वापसी होगी। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद याकूब के सामने सबसे बड़ी चुनौती ध्रुवीकृत समाज को एकजुट करने और महामारी के कारण लगातार बिगड़ते हालात के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की होगी।

प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासिन के कार्यकाल में याकूब उपप्रधानमंत्री थे। गठबंधन में आपसी झगड़े के कारण बहुमत खो देने के बाद यासिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह 18 महीने से भी कम समय तक इस पद पर रहे।

याकूब को महज 114 सांसदों का समर्थन प्राप्त है और इसी सामान्य बहुमत के साथ मुहिद्दीन गठबंधन सत्ता में वापसी कर रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री का पद भी याकूब के यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के पास पहुंच गया है। गौरतलब है कि 1957 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद मलेशिया की सत्ता पर हमेशा यूएमएनओ काबिज रहा, हालांकि 2018 के आम चुनावों में अरबों डॉलर के वित्तीय घोटाले की पृष्ठभूमि में पार्टी सत्ता से बाहर हो गयी। उन चुनावों में विपक्ष के नेता महातिर मोहम्मद की पार्टी को जीत मिली थी।

मलेशिया के नॉटिंघम विश्वविद्यालय में दक्षिण-पूर्व एशिया के विशेषज्ञ ब्रिगेट वेल्स ने कहा, ‘‘मलेशिया को नया प्रधानमंत्री मिला है, लेकिन राजनीति और नेता दोनों पुराने हैं। यह फिर से अतीत की ओर लौट रहा है: यूएमएनओ के पास प्रधानमंत्री का पद है और वह 2018 में भ्रष्टाचार के कारण सत्ता से बाहर किए जाने के बावजूद जोड़-तोड़ से सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही है।’’

एपी अर्पणा पवनेश

पवनेश

 

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