मोदी, बाइडन ने फरमिलाब परियोजना में भारत के योगदान की सराहना की

मोदी, बाइडन ने फरमिलाब परियोजना में भारत के योगदान की सराहना की

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  • Publish Date - June 23, 2023 / 03:56 PM IST,
    Updated On - June 23, 2023 / 05:38 PM IST

वाशिंगटन, 23 जून (भाषा) ब्रह्मांड के विकास को समझने में मदद करने वाले सर्वाधिक प्रबल उच्च ऊर्जा ‘न्यूट्रिनो बीम’ उत्पन्न करने के लिए फरमिलाब त्वरक (एक्सीलेरेटर) परिसर को अद्यतन करने के वास्ते अमेरिकी ऊर्जा विभाग को भारत 14 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के पुर्जों की आपूर्ति कर रहा है।

भारत और अमेरिका ने फरमिलाब में अंतरराष्ट्रीय ‘गहरे भूमिगत न्यूट्रिनो प्रयोग’ (ड्यून) के साथ ‘लॉंग बेसलाइन न्यूट्रिनो फैसिलिटी’ (एलबीएनएफ) जैसी अत्याधुनिक न्यूट्रिनो विज्ञान परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग विस्तारित करने के उद्देश्य से 2018 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बृहस्पतिवार को अत्याधुनिक वैज्ञानिक ढांचे पर दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की।

इसमें अमेरिकी ऊर्जा विभाग के फर्मी राष्ट्रीय प्रयोगशाला को भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) से 14 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अंशदान शामिल है। इसका उपयोग लॉंग-बेसलाइन न्यूट्रिनो फैसिलिटी में ‘प्रोटोन इम्प्रूवमेंट प्लान-2 (पीआईपी-2)एक्सेलेरेटर’ में किया जाएगा। यह अमेरिका में अपनी तरह का पहला और सर्वाधिक बड़ा अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान है।

दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, बाइडन और मोदी ने भारत में ‘लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जरवेटरी’ (लिगो) का निर्माण शुरू किये जाने का भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी एवं देश की प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21 से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘(दोनों)नेताओं ने प्रशासन से इन साझेदारियों को अत्याधुनिक जैव प्रौद्योगिकी और बायोमैन्युफैक्चरिंग तक बढ़ाने, और जैव सुरक्षा नवाचार बढ़ाने को कहा है।

पीआईपी-2 परियोजना में फरमिलाब में 600 फुट लंबा सुपरकंडक्टिंग लिनियर एक्सीलेरेटर का निर्माण शामिल है।

फरमिलाब में पीआईपी-2 के लिए चुंबकों की डिजाइन तैयार करने व निर्माण के लिए और सुपरकंडक्टिंग पार्टिकल एक्सीलेरेटर पुर्जों के जरिये चार संस्थानों–भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई ; अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र, नयी दिल्ली; राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र, इंदौर और परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र, कोलकाता–के वैज्ञानिक शामिल हैं।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश