भारतीय हमले में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने का मुनीर ने दिया था आदेश : जैश कमांडर

भारतीय हमले में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने का मुनीर ने दिया था आदेश : जैश कमांडर

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  • Publish Date - September 18, 2025 / 08:04 PM IST,
    Updated On - September 18, 2025 / 08:04 PM IST

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 18 सितंबर (भाषा) पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर सात मई को हुए भारतीय मिसाइल हमलों में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने का बहावलपुर के कोर कमांडर और सैनिकों को सीधा आदेश दिया था। यह बात आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर ने कही है।

सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को सामने आये एक वीडियो में जैश कमांडर इलियास कश्मीरी ने यह भी कहा कि उसके संगठन के 25 साल के संघर्ष के बाद पाकिस्तानी सेना और जिहादी एक हो गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘25 वर्षों के संघर्ष के बाद हमने देश, पाकिस्तानी सेना, वायुसेना और नौसेना को जिहादी विचारधारा पर ला खड़ा किया है। (भारत द्वारा 7 मई को किये गए हमले में) जो लोग मारे गए वे जैश-ए-मोहम्मद के थे और वह पाकिस्तानी सेना और वायुसेना ही थी जिसने उनका बदला लिया… मुझे बताइए, क्या यह सच नहीं है?’’

कश्मीरी ने खुलासा किया कि लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय पर हमले के बाद, सेना प्रमुख मुनीर ने जीएचक्यू रावलपिंडी से कोर कमांडर (बहावलपुर) और सैनिकों को सीधे आदेश जारी किए कि वे जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय में भारतीय हमले में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हों और उन्हें श्रद्धांजलि दें।

भारत द्वारा सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय पर किए गए हमले में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए थे।

भारतीय हमलों में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के जनरल, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शीर्ष नौकरशाह शामिल हुए थे।

जैश-ए-मोहम्मद कमांडर ने मंगलवार को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड क्लिप में स्वीकार किया था कि भारतीय मिसाइल हमलों में अजहर के परिवार के ‘चीथड़े उड़ गए’।

बताया जा रहा है कि कश्मीरी छह सितंबर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मिशन मुस्तफा सम्मेलन में बोल रहा था।

वह कई बंदूकधारियों के बीच खड़ा था। उसने कहा, ‘‘इस देश की वैचारिक और भौगोलिक सीमाओं की रक्षा के लिए, हमने दिल्ली, काबुल और कंधार पर हमला किया (जिहाद छेड़ा)। और अपना सब कुछ कुर्बान करने के बाद, 7 मई को बहावलपुर में (भारतीय हमलों में) मौलाना मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों के चीथड़े उड़ गए।’’

बाईस अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया।

पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर सहित आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे।

उस समय अजहर के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया था कि बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर भारत के हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए थे।

वर्ष 1999 में आईसी-814 विमान के अपहृत यात्रियों के बदले अजहर की रिहाई के बाद बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का केंद्र बन गया।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश