पेरिस। 20वीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने को रविवार को 100 साल पूरे हो गए। प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था। 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या के बाद 28 जुलार्इ, 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर आक्रमण किया। इसके साथ ही प्रथम विश्व युद्ध शुरू हो गया था।
प्रथम विश्व युद्ध के दौर में अविभाजित भारत में ब्रिटिश सेना में शामिल भारतीय सैनिकों नें अपाने साहस का लोहा मनवाते हुए दुनिया के कई देशों में अपनी सेवाएं दी थीं। इस कारण फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई देशों ने अपना आभार प्रकट करते हुए उनकी याद में कई युद्ध स्मारक बनाए हैं। इस क्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रथम विश्वयुद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हजारों भारतीय सैनिकों की याद में उत्तरी फ्रांस के विलर्स गुसलेन में भारत द्वारा निर्मित पहले युद्ध स्मारक का शनिवार को उद्घाटन किया।
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नायडू ने ट्वीट कर कहा, ‘फ्रांस के विलर्स गुसलेन शहर में आज भारतीय सशस्त्र बलों के स्मारक का उद्घाटन कर बेहद खुश हूं। यह उन हजारों भारतीय सैनिकों को महान सम्मान हैं जिनकी बहादुरी और समर्पण ने दुनिया भर में प्रशंसा बटोरी’। देश की आजादी के बाद भारत द्वारा फ्रांस में निर्मित यह अपनी तरह का पहला स्मारक है। भारत प्रथम विश्वयुद्ध में सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में एक था।