नेपाल : पहले कार्यकाल में भारत के साथ रिश्ते तल्ख करने वाले ओली फिर प्रधाानमंत्री नियुक्त

नेपाल : पहले कार्यकाल में भारत के साथ रिश्ते तल्ख करने वाले ओली फिर प्रधाानमंत्री नियुक्त

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  • Publish Date - July 14, 2024 / 07:45 PM IST,
    Updated On - July 14, 2024 / 07:45 PM IST

काठमांडू, 14 जुलाई (भाषा) अतीत में नेपाल में कई सरकारों को गिराने और अपने पहले कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंधों को तल्ख करने वाले नेपाल के वरिष्ठ राजनेता के.पी. शर्मा ओली को रविवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नये प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें सरकार चलानी होगी।

नेपाल में सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली को नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए रविवार को चौथी बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

ओली (72) ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह ली है, जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए थे।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने ओली को नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस गठबंधन सरकार का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। 72 वर्षीय ओली नयी मंत्रिपरिषद के साथ सोमवार को शपथ लेंगे।

ओली ने अपने एक समय के मित्र प्रचंड को छोड़कर राजनीतिक शत्रु से मित्र बने शेर बहादुर देउबा से हाथ मिला लिया है जो संसद के शेष 40 महीनों के लिए प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं।

वर्ष 2008 में जब पूर्ववर्ती राजशाही को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया और नेपाल ने अंतरिम संविधान को अपनाया, तब से यहां 13 अलग-अलग सरकारें बनीं। इनमें दाहाल, देउबा और ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में कई बार पद संभाला।

ओली 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, जिसके दौरान काठमांडू के नयी दिल्ली के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद ओली पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे।

अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओली ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और नयी दिल्ली पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था।

बाइस फरवरी 1952 को पूर्वी नेपाल में जन्मे ओली, मोहन प्रसाद और मधुमाया ओली की सबसे बड़ी संतान हैं, लेकिन उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया। उनकी पत्नी रचना शाक्य भी एक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता हैं और दोनों की मुलाकात पार्टी गतिविधियों के दौरान हुई थी।

ओली ने 1966 में राजशाही के तहत निरंकुश पंचायत प्रणाली के खिलाफ संघर्ष में शामिल होकर एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया।

फरवरी 1970 में ओली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए, लेकिन इसके तुरंत बाद भूमिगत हो गए और उसी वर्ष उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया।

नेपाल के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं में से एक ओली ने 1973 से 1987 तक लगातार 14 वर्ष जेल में बिताए। जेल से रिहा होने के बाद वह 1990 तक यूएमएल की केंद्रीय समिति के सदस्य बने।

वर्ष 1990 के दशक के लोकतांत्रिक आंदोलन के बाद ओली देश में एक लोकप्रिय नाम बन गये। इस आंदोलन के जरिये निरंकुश पंचायती शासन का अंत हुआ।

ओली 1991 में झापा जिले से पहली बार प्रतिनिधि सभा के सदस्य चुने गए और 1994-1995 तक गृह मंत्री रहे। 1999 में वे झापा से फिर से चुने गए। 2006 में गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान उन्होंने उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था।

भाषा शफीक वैभव

वैभव