(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, दो दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चक्रवात प्रभावित श्रीलंका के लिए उसके राहत अभियान में भारत द्वारा ‘‘सहयोग की कमी के कारण बाधा’’ आ रही है, क्योंकि भारत अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की ‘‘अनुमति देने में देरी’’ कर रहा है। हालांकि, नयी दिल्ली ने इस दावे का खंडन किया है।
नयी दिल्ली में, मामले से अवगत लोगों ने बताया कि भारत ने श्रीलंका को मानवीय सहायता भेजने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार को तुरंत ध्यान दिया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे (भारतीय समयानुसार) हवाई क्षेत्र के लिए आधिकारिक अनुरोध भेजा और भारत ने अनुरोध को शीघ्रता से स्वीकार कर लिया तथा शाम साढ़े सात बजे (भारतीय समयानुसार) पाकिस्तान को इसकी सूचना दे दी।
उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया चार घंटे की न्यूनतम सूचना अवधि में पूरी की गई।
उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया में आई उन खबरों को भी ‘‘फर्जी’’ बताया, जिनमें कहा गया है कि भारत ने श्रीलंका को सहायता भेजने के लिए पाकिस्तान को हवाई मार्ग से उड़ान की सुविधा नहीं दी है।
मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी मीडिया हमेशा की तरह दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने में लगा हुआ है। ये आरोप निराधार और भ्रामक हैं। हवाई उड़ान या पारगमन के सभी अनुरोधों पर स्थापित प्रक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार सख्ती से प्रक्रिया पूरी की जाती है।’’
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने मंगलवार को दावा किया कि इस्लामाबाद के राहत प्रयासों में भारत की ओर से ‘‘सहयोग की कमी’’ के कारण बाधा आ रही है, जो (भारत) ‘‘उसे अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने में देरी कर रहा है।’’
विदेश कार्यालय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘भारत, पाकिस्तान से श्रीलंका जाने वाली मानवीय सहायता को लगातार बाधित कर रहा है। पाकिस्तान से श्रीलंका मानवीय सहायता ले जा रहा विशेष विमान भारत से उड़ान की मंज़ूरी के इंतज़ार में 60 घंटे से अधिक समय से विलंबित है।’’
पोस्ट में दावा किया गया, ‘‘भारत द्वारा कल रात 48 घंटे बाद जारी की गई आंशिक उड़ान मंज़ूरी, परिचालन की दृष्टि से अव्यावहारिक थी। केवल कुछ घंटों के लिए समयबद्ध और वापसी की उड़ान के लिए बिना किसी वैधता के, जिससे श्रीलंका के लोगों के लिए इस तत्काल राहत मिशन में गंभीर बाधा आ रही है।’’
श्रीलंका चक्रवात ‘दित्वा’ के कारण व्यापक बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान से जूझ रहा है, जिससे कई जिले अलग-थलग पड़ गए हैं और देश की आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता पर भारी दबाव पड़ा है।
भारत ने चक्रवात से हुई तबाही से उबरने में श्रीलंका की मदद के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है।
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) ने 16 नवंबर से अब तक, चक्रवात के कारण आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन में मंगलवार सुबह तक कम से कम 410 लोगों की मौत और 336 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।
भाषा सुभाष संतोष
संतोष