पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने चिनफिंग से मुलाकात की,द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने चिनफिंग से मुलाकात की,द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

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  • Publish Date - July 15, 2025 / 05:34 PM IST,
    Updated On - July 15, 2025 / 05:34 PM IST

लाहौर, 15 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ संयुक्त बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ‘स्थायी दोस्ती’ को गहरा करने और साझा क्षेत्रीय लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

डार 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उन विदेश मंत्रियों और स्थायी निकाय प्रमुखों में शामिल थे, जिनसे चिनफिंग ने तियानजिन में होने वाली उनकी बैठक से पहले मुलाकात की।

डार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में चिनफिंग से मिलकर ‘खुश’ हैं और उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को ‘पाकिस्तान सरकार और लोगों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं’ दीं।

उन्होंने लिखा, ‘अडिग भाइयों और सदाबहार रणनीतिक साझेदारों के रूप में हम चीन-पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती को गहरा करने और साझा क्षेत्रीय लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

एससीओ 10 देशों का एक यूरेशियाई सुरक्षा और राजनीतिक समूह है, जिसमें चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। चीन वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों का स्वागत किया और एससीओ के तहत ‘क्षेत्रीय सहयोग की अहमियत’ को रेखांकित किया।

इसके बाद, डार अन्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ तियानजिन पहुंचे। उन्होंने एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

डार ने चिनफिंग के साथ बैठक के इतर एससीओ के विभिन्न सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में क्षेत्रीय समझ और सहयोग को मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करना हमेशा अच्छा होता है।’

डार ने किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें भी कीं, जिनमें आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

भाषा पारुल संतोष

संतोष