पाकिस्तानी सरकार की आलोचक और बलूच कार्यकर्ता को कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्दे खाक किया गया

पाकिस्तानी सरकार की आलोचक और बलूच कार्यकर्ता को कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्दे खाक किया गया

पाकिस्तानी सरकार की आलोचक और बलूच कार्यकर्ता को कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्दे खाक किया गया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: January 25, 2021 1:22 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 25 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान सरकार की आलोचक, महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता और बलूच समुदाय की 37 वर्षीय नेता करीमा बलोच के शव को बलूचिस्तान प्रांत में स्थित उनके गांव लाकर कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया।

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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कनाडा में निर्वासन का जीवन जी रही करीमा की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

वह पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की मुखर आलोचक थीं और उन्हें लोगों के गायब होने तथा बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आवाज उठाने के लिए जाना जाता था।

टोरंटो में 22 दिसंबर को उन्हें मृत अवस्था में पाया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि करीमा को कीच क्षेत्र के टुम्प गांव में रविवार को सुपर्दे खाक करने के दौरान उनके नजदीकी रिश्तेदार मौजूद थे।

बलूच राष्ट्रवादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।

करीमा के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि गांव को सील कर दिया गया था ताकि अन्य क्षेत्रों से लोग करीमा के अंतिम दर्शन करने न पहुंच सकें।

सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मोबाइल सेवा निलंबित कर दी गई थी।

टोरंटो पुलिस ने करीमा की मौत को संदेहास्पद नहीं बताया है, हालांकि कुछ समर्थकों का मानना है कि करीमा की हत्या की गई है।

करीमा, पाकिस्तानी सुरक्षा संस्थानों की मुखर आलोचक थीं और उनका आरोप था कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है और वहां के निवासियों को इससे वंचित रखना चाहती है।

वह 2016 से कनाडा में शरण लेकर रह रही थीं।

करीमा ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन और लोगों के गायब होने के विषय पर पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ अभियान चलाया था।

उन्हें 2016 में बीबीसी की सौ प्रेरक महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था।

भाषा यश नरेश

नरेश


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