सैन्य तख्तापलट के बाद म्यामां लौटने से डर रहे हैं रोहिंग्या शरणार्थी

सैन्य तख्तापलट के बाद म्यामां लौटने से डर रहे हैं रोहिंग्या शरणार्थी

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  • Publish Date - February 2, 2021 / 04:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

ढाका, दो फरवरी (एपी) बांग्लादेश में शिविरों में रह रहे म्यामां के रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपने स्वदेश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की और कहा कि अब उन्हें वापस लौटने में और अधिक डर लग रहा है।

2017 में म्यामां की सेना द्वारा कार्रवाई के बाद 7,00,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश आ गए थे।

बांग्लादेश ने उन्हें भीड़-भाड़ वाले शरणार्थी शिविरों में रखा है और उन्हें म्यामां वापस भेजने की कोशिश कर रहा है। एक संयुक्त समझौते के तहत उनकी वापसी के कई प्रयास विफल हो गए क्योंकि रोहिंग्या ने जाने से इनकार कर दिया, जिन्हें उस देश में और अधिक हिंसा होने का डर है। म्यामां में उन्हें नागरिकता सहित मूल अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।

शरणार्थियों ने मंगलवार को कहा कि वे अब और अधिक डर गए हैं क्योंकि सेना ने देश को पूरी तरह से नियंत्रण में ले लिया है।

कॉक्स बाजार जिले के शिविर में रहने वाले रोहिंग्या यूथ एसोसिएशन के प्रमुख खिन मौंग ने कहा, “सेना ने हमारे लोगों की हत्या कर दी, हमारी बहनों और माताओं के साथ बलात्कार किया, हमारे गांवों को जला दिया। उनके नियंत्रण में सुरक्षित रहना हमारे लिए कैसे संभव है?”

उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, ‘इसमें अब एक लंबा समय लगेगा क्योंकि म्यामां में राजनीतिक स्थिति अब बदतर हो गई है।’

एपी

कृष्ण नरेश

नरेश