हनोई, 20 जून (एपी) यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने बरसों पुराने साझेदार वियतनाम के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए बृहस्पतिवार को यहां राजकीय दौरे पर पहुंचे।
पुतिन के यहां पहुंचने पर उनका स्वागत गणमान्य व्यक्तियों ने किया। पुतिन के स्वागत में सफेद पोशाक पहने सैनिक सावधान मुद्रा में खड़े हुए दिखाई दिये।
पुतिन उत्तर कोरिया से यहां पहुंचे।
पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत युद्ध की स्थिति में दोनों देशों ने एक-दूसरे की बिना किसी विलंब के सहायता का संकल्प लिया है।
इस समझौते को शीत युद्ध की समाप्ति की बाद से मास्को और प्योंगयांग के बीच सबसे ज्यादा प्रभावी समझौता माना जा रहा है। दोनों ही देश पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते गतिरोध का सामना कर रहे हैं।
हनोई में रूसी नेता वियतनाम के सबसे शक्तिशाली राजनेता और कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग, नये राष्ट्रपति टो लैम और अन्य अधिकारियों से मिलेंगे।
देश में अमेरिकी दूतावास ने पुतिन की इस यात्रा की तीखी आलोचना की है।
पुतिन के वर्ष 2017 में वियतनाम के पिछले दौरे के बाद से बहुत कुछ बदल गया है। यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने वर्ष 2023 में युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था हालांकि क्रेमलिन ने इसे अमान्य करार देते हुए खारिज कर दिया था और इस बात पर जोर दिया था कि मास्को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है।
सिंगापुर के आईएसईएएस-यूसुफ इशाक इंस्टीट्यूट के विश्लेषक गुयेन खाक जियांग ने कहा कि पुतिन का हालिया चीन, उत्तर कोरिया और अब वियतनाम दौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके रूस को नयी दिशा देने का प्रयास है।
एपी जितेंद्र मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इजराइली हमले में गाजा के खान यूनिस में 36 लोगों…
3 hours ago