बांग्लादेश के खिलाफ गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने दिया गया: भारत

बांग्लादेश के खिलाफ गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने दिया गया: भारत

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 07:53 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 07:53 PM IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) भारत ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि उसने कभी भी अपनी धरती को बांग्लादेश के हितों के खिलाफ गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है और वहां आगामी संसदीय चुनावों को शांतिपूर्ण माहौल में कराने पर बल दिया।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर भारत में मौजूद अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर से दिए गए “भड़काऊ बयानों” पर “गंभीर चिंता” जताई।

इस घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद भारत की यह प्रतिक्रिया आई है।

बांग्लादेश से जारी एक बयान के अनुसार, मंत्रालय ने वर्मा के संज्ञान में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग के कुछ सदस्यों की भारत में रहने के दौरान की गतिविधियों को भी लाया गया है।

दूसरी ओर, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा प्रेस बयान में किए गए दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।’’

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश में शांतिपूर्ण माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और विश्वसनीय चुनाव कराने के अपने रुख को लगातार दोहराया है।

इसने कहा, ‘‘भारत ने कभी भी अपनी धरती को बांग्लादेश के हितों के खिलाफ गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है।’’

इसने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आंतरिक कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी, जिसमें शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना भी शामिल है।’’

बांग्लादेश में संसदीय चुनाव 12 फरवरी को होंगे। पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना सरकार के पतन के बाद यह पहला आम चुनाव होगा।

अवामी लीग ने चुनावों को खारिज करते हुए कहा है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार स्वतंत्र और सामान्य माहौल में चुनाव कराने में सक्षम नहीं होगी।

अवामी लीग ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह अब स्पष्ट हो गया है कि वर्तमान सत्ताधारी दल पूरी तरह से पक्षपाती है और उनके नियंत्रण में एक निष्पक्ष और सामान्य माहौल सुनिश्चित करना असंभव है जहां पारदर्शिता, तटस्थता और जनता की इच्छा को प्रतिबिंबित किया जा सके।’’

हसीना (78) पिछले साल अगस्त में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बाद भारत आ गयीं थीं। बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने उन्हें ‘‘मानवता के खिलाफ अपराधों’’ के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है।

बांग्लादेश भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन