दुकानों के भीतर कोरोना वायरस के प्रसार पर किया गया अध्ययन, सावधानी बरतने की सलाह |

दुकानों के भीतर कोरोना वायरस के प्रसार पर किया गया अध्ययन, सावधानी बरतने की सलाह

दुकानों के भीतर कोरोना वायरस के प्रसार पर किया गया अध्ययन, सावधानी बरतने की सलाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : October 5, 2021/4:29 pm IST

( मल्लिका सिंह, लॉरेंस गुडरिज, मारिया जी कोर्डियानी, रॉबर्ट हन्नेर और स्टीवन न्यूमास्टर, गुएल्फ विश्वविद्यालय )

टोरंटो (कनाडा), पांच अक्टूबर (द कन्वरसेशन) कोविड-19 महामारी जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है और वायरस का प्रसार जारी है, रोजमर्रा के जीवन में संक्रमण का जोखिम निरंतर चिंता का विषय बना हुआ है।

गुएल्फ विश्वविद्यालय में एक हालिया अध्ययन में किराना दुकानों के भीतर सतह को छूने से कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे का आकलन किया गया और पाया गया कि अगर शारीरिक दूरी बनाकर रखी जाए तो इसका जोखिम कम है तथा साफ-सफाई की आदत को भी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

कोरोना वायरस मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, सांस या अन्य तरीके से अत्यंत सूक्ष्म कणों के कारण फैलता है। हालिया साक्ष्य यह संकेत देते हैं कि वायरस के संपर्क में आए निर्जीव वस्तुओं या सतहों को छूने और फिर आंख, नाक या मुंह को छूने से संक्रमित होने की संभावना कम है लेकिन यह संभव है।

लॉकडाउन और पृथक-वास संबंधी प्रतिबंध लागू होने के बाद ऐसी जगहों पर चुनौतियों बढ़ गई जहां लोगों का संपर्क ज्यादा होता है जैसे कि खुदरा दुकानें, खाने-पीने की दुकानें। अब तक जो जानकारी उपलब्ध हैं उसके मुताबिक सार्स कोव-2 वायरस सतह या निर्जीव वस्तुओं पर बेहद कम समय टिक पाता है।

अध्ययन के दौरान ओंटारिया की दुकानों के 957 नमूनों की जांच की गयी। स्टोर के जिस हिस्से में कर्मचारियों और ग्राहकों की गतिविधि ज्यादा रहती है वहां की सतह पर संक्रमण की भी पड़ताल की गई। वायरस की सबसे ज्यादा मौजूदगी अस्पताल के कमरों या मरीजों के कमरों में होती है। बंद स्थानों में वायरस की लगातार मौजूदगी कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि हवा का प्रवाह, तापमान, नमी का स्तर।

अध्ययन में पाया गया कि सार्स कोव-2 वायरस तांबे पर चार घंटे, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर 72 घंटे तक जिंदा रहा। कोरोना वायरस का एक और स्वरूप एचसीओवी-229 ई धातु, कांच या प्लास्टिक जैसी विभिन्न सतहों पर दो घंटे से नौ दिनों तक जीवित रह सकता है। वहीं, 30-40 डिग्री सेल्सियस तापमान में वायरस की मौजूदगी कम होती है। संक्रमण का पता लगाने के लिए अध्ययन के दौरान दुकानों के खुलने और बंद होने के बाद के नमूने लिए गए।

अध्ययन में पाया गया दुकानों से लिए गए नमूनों की जांच में वायरस का संक्रमण नहीं मिला या उनकी मात्रा उतनी थी कि उनकी पहचान नहीं हो पाई। ये परिणाम संकेत देते हैं कि किराना दुकानों के भीतर उच्च-स्पर्श वाली सतहों से संक्रमण का जोखिम कम है। इसलिए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन, साफ-सफाई की आदतों को अपनाना और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करना जरूरी है।

अध्ययन में पाया गया कि अगर सफाई प्रक्रियाओं और सावधानियों को बनाए रखा जाए तो सतह या निर्जीव वस्तुओं के माध्यम से वायरस के प्रसार की संभावना नहीं है। क्या सब कदम उठाने चाहिए? लोगों को मास्क पहनना चाहिए, दुकानों के भीतर संक्रमण मुक्त बनाने के लिए सफाई करनी चाहिए।

इन उपायों और टीकाकरण के बाद भी कोरोना वायरस की मौजूदगी बनी रह सकती है क्योंकि यह पता नहीं है कि वायरस का कौन सा स्वस्प कितना खतरनाक हो सकता है।

(द कन्वरसेशन) आशीष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)