ताइपे, 26 जुलाई (एपी) ताइवान के मतदाता शनिवार को यह तय करने के लिए मतदान कर रहे हैं कि संसद के 20 प्रतिशत चीन समर्थक सांसदों की सदस्यता वापस ली जानी चाहिए या नहीं। ये सभी सांसद विपक्षी नेशनलिस्ट पार्टी के हैं।
माना जा रहा है कि यह चुनाव स्व-शासित द्वीप की विधायिका में शक्ति संतुलन को संभावित रूप से नया रूप दे सकता है।
स्वतंत्रता समर्थक सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की थी। लेकिन चीन समर्थक राष्ट्रवादी, जिसे केएमटी के नाम से भी जाना जाता है, तथा ताइवान पीपुल्स पार्टी के पास बहुमत के लिए पर्याप्त सीट हैं।
संसद के 24 सांसदों को हटाने का समर्थन करने वाले मतदाता इस बात से नाराज हैं कि केएमटी और उसके सहयोगियों ने प्रमुख विधेयकों, विशेष रूप से रक्षा बजट को अवरुद्ध कर दिया है तथा विवादास्पद परिवर्तन पारित कर दिए हैं। इसे कार्यपालिका की शक्ति को कम करने तथा चीन के पक्ष में जाने के रूप में देखा जा रहा है, जो इस द्वीप को अपना क्षेत्र मानता है।
विपक्षी दलों की कार्रवाइयों ने कुछ ताइवानी लोगों में द्वीप की लोकतांत्रिक व्यवस्था और चीनी सैन्य खतरों को रोकने की उसकी क्षमता को लेकर चिंताएं पैदा कर दीं, जिसके कारण इन सांसदों को वापस बुलाने का अभियान चलाया गया। वापस बुलाने के चुनाव का पैमाना अभूतपूर्व है तथा 23 अगस्त को सात और केएमटी सांसदों को भी इसी तरह के मतदान का सामना करना पड़ेगा।
एपी धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल