ताइपे, 10 अक्टूबर (एपी) ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन से खतरे के मद्देनजर ‘टी-डोम’ वायु रक्षा प्रणाली के निर्माण में तेजी लाने का संकल्प लिया है।
लाई ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार एक ठोस रक्षा प्रणाली स्थापित करेगी जो खतरे की उच्च स्तरीय पहचान करने और उसे प्रभावी तरीके से नाकाम करने में सक्षम होगी।
‘टी-डोम या ‘ताइवान डोम’ जाहिर तौर पर इजराइल द्वारा विकसित आयरन डोम प्रणाली से प्रेरित है।
लाई ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से अधिक और 2030 तक पांच प्रतिशत तक बढ़ाने का भी संकल्प लिया।
ताइवान चीन के पूर्वी तट के पास एक स्वशासित द्वीप है जिस पर चीन सरकार अपना दावा करती है। उसका कहना है कि यह उसके शासन के अधीन होना चाहिए।
लाई ने ताइवान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘‘शांति और स्थिरता का केंद्र’’ कहा।
लाई ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक ताइवान… यथास्थिति बनाए रखने, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने और क्षेत्रीय समृद्धि एवं विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा।’’
चीन और ताइवान का 1949 में गृहयुद्ध के दौरान विभाजन हो गया था जिसके बाद चीन में कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई। पराजित ‘नेशनलिस्ट पार्टी’ की सेनाएं ताइवान चली गईं, जहां उन्होंने अपनी सरकार स्थापित की।
चीनी सेना ताइवान के हवाई और जलक्षेत्र में नियमित रूप से लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजती है और हाल के वर्षों में उसने इस क्षेत्र में बड़े सैन्य अभ्यास भी किए हैं।
अधिकतर देशों की तरह अमेरिका ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं देता लेकिन वह वहां की सरकार को उसकी रक्षा के लिए सैन्य उपकरण प्रदान करता है और ताइवान में चीन द्वारा सैन्य बल के किसी भी प्रयोग का विरोध करता है।
एपी सिम्मी वैभव
वैभव