यूरोपीय संघ के हजारों नागरिक ब्रिटेन में निवास का कानूनी दर्जा खो सकते हैं

यूरोपीय संघ के हजारों नागरिक ब्रिटेन में निवास का कानूनी दर्जा खो सकते हैं

  •  
  • Publish Date - June 30, 2021 / 10:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

लंदन, 30 जून (एपी) मार्लिस हैसल्टन के लिए 30 वर्षों से अधिक समय से ब्रिटेन ही उनका देश था। डेनमार्क की निवासी मार्लिस ने ब्रिटेन के एक नागरिक से शादी की, उनके बच्चे हैं और ब्रिटेन को ही वह अपनी जिंदगी का ‘‘अहम हिस्सा’’ समझती हैं। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने तक उन्होंने सोचा भी नहीं था कि ब्रिटेन में उन्हें प्रवासी का दर्जा मिलेगा।

हैसल्टन (55) उन लाखों यूरोपीय नागरिकों में शामिल हैं जो स्वतंत्र रूप से ब्रिटेन में रहे, काम किया और यहां दशकों तक पढ़ाई की, लेकिन ब्रेक्जिट के कारण उनके अधिकार अब स्वाभाविक नहीं रह गए हैं। ब्रिटेन की सरकार ने 2019 में बड़ी संख्या में यूरोपीय प्रवासियों के लिए ‘‘समाधान’’ योजना की शुरुआत की और आवेदन की अंतिम तिथि बुधवार है।

यूरोप का कोई भी प्रवासी जिसने आवेदन नहीं किया है वह बृहस्पतिवार से ब्रिटेन में काम करने, मकान को किराये पर लेने और अस्पताल में कुछ इलाज के लिए पहुंच या कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने का कानूनी अधिकार खो देगा। उन्हें प्रत्यर्पित भी किया जा सकता है।

इस बीच यूरोपीय देशों में लंबे समय से आवाजाही की स्वतंत्रता का लुत्फ उठा रहे दस लाख से अधिक ब्रिटेन वासियों का यह अधिकार भी समाप्त हो जाएगा। फ्रांस में ब्रेक्जिट के बाद रहने के लिए आवेदन देने की तारीख भी बुधवार को समाप्त हो रही है।

ब्रिटेन में अभियान चलाने वालों को इस बात की चिंता है कि हजारों यूरोपीय नागरिकों ने इस समय सीमा तक आवेदन नहीं किया है। ब्रिटेन में दशकों से रह रहे कई बुजुर्ग व्यक्ति इस बात से अवगत नहीं हैं कि उन्हें आवेदन करना है और आधिकारिक आंकड़े दर्शाते हैं कि 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के आवेदकों में महज दो फीसदी हैं। प्रवासी अधिकार समूहों का कहना है कि कई अभिभावकों को यह भी नहीं पता है कि उन्हें अपने बच्चों के लिए आवेदन करना है।

समाज कल्याण विभाग की देखरेख में रह रहे करीब दो हजार बच्चों पर भी यह खतरा है और उनका कानूनी दर्जा छिन सकता है।

हालांकि हासेल्टन को ‘‘समाधान’’ दर्जा सफलतापूर्वक हासिल हो गया अर्थात वह ब्रिटेन में स्थायी रूप से रह सकती हैं लेकिन उनका कहना है कि पूरी प्रक्रिया ने उन्हें ब्रिटेन में अपने जीवन को लेकर असुरक्षित बना दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां स्थिर महसूस नहीं कर रही हूं। मैं भविष्य को लेकर चिंतित हूं। विदेशी के तौर पर मुझे यहां अब सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है। यहां अपनेपन का अहसास खत्म हो गया है।’’

ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि करीब 56 लाख लोगों ने आवेदन किया है जिनमें अधिकतर पोलैंड और रोमानिया के हैं, जो शुरुआती अनुमान से बहुत अधिक है। उनमें से आधे लोगों को स्थायी निवासी का दर्जा दे दिया गया है लेकिन करीब 20 लाख प्रवासियों ने ब्रिटेन में इतना समय नहीं बिताया है कि उन्हें दर्जा मिले, इसलिए देश में पांच वर्ष रहने के बाद उन्हें फिर से कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।

ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन में यूरोपीय संघ के नागरिकों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्षरत समूह ‘द थ्री मिलियन’ से जुड़ी लारा पारीजोतो ने कहा कि करीब चार लाख लोग अब भी असमंजस में हैं क्योंकि वे निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

एपी नीरज पवनेश

पवनेश