ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में लॉटरी प्रणाली खत्म की

ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में लॉटरी प्रणाली खत्म की

ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में लॉटरी प्रणाली खत्म की
Modified Date: December 24, 2025 / 12:15 am IST
Published Date: December 24, 2025 12:15 am IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 23 दिसंबर (भाषा) ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ‘रैंडम’ लॉटरी प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की है, जिसके तहत वीजा लाभार्थियों का चयन किया जाता था।

इसकी जगह अब ऐसी प्रक्रिया लागू की जा रही है, जिसमें अधिक कुशल और अधिक वेतन पाने वाले व्यक्तियों को वीजा आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।

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यह नया नियम ऐसे समय में निर्धारित किया गया है जब ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा समेत कानूनी व अवैध दोनों तरह के वीजा आवेदनों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। अमेरिका की कंपनियां एच1बी वीजा के जरिये विदेशी दक्ष व्यक्ति को नौकरी पर रखती हैं। इस वीजा के तहत काम करने वालों में भारतीय पेशेवरों की संख्या सबसे ज़्यादा है।

मंगलवार को जारी बयान में अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने कहा कि एच1-बी वीजा की चयन प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। अब ज्यादा कुशल और ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों को पहले मौका दिया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि इसका मकसद अमेरिकी कामगारों के वेतन, काम करने की स्थिति और नौकरी के अवसरों की रक्षा करना है।

नया नियम 27 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2027 की एच-1बी वीज़ा पंजीकरण प्रक्रिया में इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि इसके तहत वीजा पाने वालों का चयन अब लॉटरी से नहीं होगा, बल्कि अधिक कौशल वाले लोगों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।

एजेंसी ने कहा कि एच-1बी वीजा के लिए लॉटरी प्रणाली का काफी दुरुपयोग हो रहा था और कुछ कंपनियां इसका इस्तेमाल कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को रखने के लिए कर रही थीं।

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने कहा, “ अमेरिकी नियोक्ताओं मौजूदा लॉटरी प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे अमेरिकी कामगारों की तुलना में कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को लाना चाहते थे।”

उन्होंने कहा, “नयी चयन प्रक्रिया एच-1बी कार्यक्रम को संसद की मंशा के अनुसार बेहतर बनाएगी और अमेरिकी कंपनियों को अधिक वेतन पाने वाले, अधिक कुशल विदेशी कर्मचारियों को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता मजबूत होगी।”

भाषा जोहेब सुभाष

सुभाष


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