(ललित के झा)
वाशिंगटन, तीन मार्च (भाषा) अपने पहले अहम विदेश नीति संबोधन में बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन चीन के साथ अमेरिका के रिश्तों को 21वीं सदी की “सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा” करार देते हुए इस बात पर बल देंगे कि अमेरिकी चीन के साथ बातचीत में अपनी मजबूत स्थिति का लाभ लेगा।
अपने संबोधन में ब्लिंकन उन आठ पहलुओं का जिक्र करेंगे कि कैसे अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व के दर्जे को बहाल करने की योजना समेत राष्ट्रपति जो बाइडन की रणनीति को अमेरिकी कूटनीति आगे लेकर जाएगी।
विदेश विभाग द्वारा जारी ब्लिंकन के भाषण के अंशों के मुताबिक, “हम 21वीं सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा: चीन के साथ हमारे रिश्तों, का प्रबंधन करेंगे।”
अपने भाषण में ब्लिंकन कहेंगे, “चीन आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति वाला एक मात्र देश है जो स्थिर व खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौती देता है- हम जिस तरह की दुनिया चाहते हैं उसमें सभी नियम, मूल्य, और रिश्ते काम करते हैं।”
वह कहेंगे कि चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते जहां जरूरत होगी वहां प्रतिस्पर्धी होंगे, जहां हो सकता है वहां सहयोगात्मक होंगे और जहां आवश्यकता होगी वहां प्रतिद्वंद्विता वाले भी होंगे। विदेश मंत्री अपने संबोधन में कहेंगे कि अमेरिका चीन के साथ बातचीत में अपनी मजबूत स्थिति का लाभ उठाएगा।
वह कहेंगे, “इसके लिये सहयोगियों व साझेदारों से काम करने की जरूरत है न कि उनकी निंदा की। इसके लिये कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़ने की जरूरत है क्योंकि हमनें जो जगह खाली छोड़ी वो चीन ने भर दी।”
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प्रशांत माधव
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