काबुल, 26 दिसंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा है कि अफगानिस्तान शासन द्वारा महिलाओं को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने से रोकने के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को राजधानी काबुल में तालिबान सरकार के एक मंत्री से मुलाकात की।
यह कदम अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदियों में नवीनतम है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने शनिवार को महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया।
यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया था, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ‘‘गंभीर शिकायतें’’ मिली हैं, जो ‘‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं।’’
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक ट्वीट में कहा कि उसके कार्यवाहक प्रमुख रमीज अलकबरोव ने सोमवार को हनीफ से मुलाकात की और प्रतिबंध हटाने की मांग की।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘लाखों अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता की जरूरत है और बाधाओं को हटाना जरूरी है।’’
प्रतिबंधों की घोषणा के बाद से चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसी ने अफगानिस्तान में अपने कार्यों को यह कहते हुए बंद कर दिया कि वे अपनी महिला कर्मियों के बिना प्रभावी रूप से लोगों तक नहीं पहुंच सकतीं। ‘सेव द चिल्ड्रेन’, द इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी, ‘नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल’ और ‘केयर’ मानवीय परिस्थितियों में गिरावट के बीच स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बाल संरक्षण और पोषण सेवाएं और सहायता प्रदान कर रही हैं।
एपी अमित अविनाश
अविनाश
अविनाश