अमेरिकी सांसदों ने इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए विशेष दूत नियुक्त करने की मांग की | US lawmakers seek to appoint special envoy to tackle Islamophobia

अमेरिकी सांसदों ने इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए विशेष दूत नियुक्त करने की मांग की

अमेरिकी सांसदों ने इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए विशेष दूत नियुक्त करने की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : July 22, 2021/5:24 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 22 जुलाई (भाषा) अमेरिकी के 24 से अधिक सांसदों के एक समूह ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर उनसे चीन, भारत तथा म्यांमा समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कथित तौर पर बढ़ते हमलों से निपटने के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने का अनुरोध किया है।

सांसदों ने बुधवार को लिखे अपने पत्र में इस्लामोफोबिया को ‘‘वैश्विक समस्या’’ बताया तथा दुनियाभर में इससे लड़ने में अमेरिका का नेतृत्व स्थापित करने के लिए व्यापक रणनीति बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि देश प्रायोजित इस्लामोफोबिक हिंसा और ऐसे कृत्यों के लिए दंडमुक्ति अगले साल की वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्टों में शामिल किया जाए।

यह पत्र ऐसे समय में लिखा गया है जब ‘काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस’ (सीएआईआर) के नए नतीजों से यह पता चला कि मुस्लिमों के खिलाफ घृणा बढ़ रही है। इनमें मई तथा जून में तोड़फोड़ और चाकू मारने की कोशिश तथा हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं पर कई हमलों से जुड़े मामले शामिल हैं।

सांसदो ने अपने पत्र में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के तौर पर हमें इस्लामोफोबिया को ऐसी प्रवृत्ति माननी चाहिए जो दुनिया के हर कोने में हो रही है। अब वक्त आ गया है कि अमेरिका सभी के लिए धार्मिक आजादी के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा रहे और इस्लामोफोबिया की वैश्विक समस्या पर ध्यान दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चीन में उइगुरों तथा म्यांमा में रोहिंग्या के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों से लेकर भारत तथा श्रीलंका में मुस्लिम आबादी पर खास पाबंदियों तक, उत्तर अमेरिका तथा यूरोप में इस्लामोफोबिया को भड़काने वाले नेताओं से लेकर पाकिस्तान तथा बहरीन में मुस्लिमों के खास पंथों के खिलाफ गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन तक, यह वास्तव में एक वैश्विक समस्या है जिससे अमेरिका को वैश्विक स्तर पर निपटना चाहिए।’’

भाषा गोला शाहिद

शाहिद

 

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