चाबहार बंदरगाह के संचालन से जुड़े लोगों पर 29 सितंबर से लगेगा प्रतिबंधः अमेरिका

चाबहार बंदरगाह के संचालन से जुड़े लोगों पर 29 सितंबर से लगेगा प्रतिबंधः अमेरिका

चाबहार बंदरगाह के संचालन से जुड़े लोगों पर 29 सितंबर से लगेगा प्रतिबंधः अमेरिका
Modified Date: September 18, 2025 / 10:12 pm IST
Published Date: September 18, 2025 10:12 pm IST

(योशिता सिंह)

न्यूयॉर्क/ नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि ईरान के चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले व्यक्तियों पर इस महीने के अंत से अमेरिकी प्रतिबंध लागू होंगे। इस फैसले का असर भारत पर भी पड़ेगा जो इस रणनीतिक बंदरगाह के विकास में शामिल है।

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चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में ओमान की खाड़ी पर स्थित है। भारत और ईरान इसे व्यापार एवं संपर्क बढ़ाने के लिए विकसित कर रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने कहा कि विदेश मंत्री ने 2018 में अफगानिस्तान पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास के लिए दी गई प्रतिबंध छूट को वापस ले लिया है। यह प्रतिबंध 29 सितंबर से प्रभावी होंगे। इसके बाद चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले या संबंधित गतिविधियों में शामिल लोग प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं।

भारत ने 13 मई, 2024 को चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए ईरान के साथ 10 साल का करार किया था। यह पहली बार था जब भारत ने किसी विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन संभालने की पहल की थी।

वर्ष 2003 से ही भारत इस परियोजना पर काम करने का प्रस्ताव रख रहा था ताकि पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच बनाई जा सके।

लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इस बंदरगाह का विकास धीमी गति से हुआ।

अमेरिका ने 2018 में चाबहार बंदरगाह परियोजना को प्रतिबंधों से छूट दी थी। उस समय कहा गया था कि अफगानिस्तान को गैर-प्रतिबंधित वस्तुओं की आपूर्ति और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के लिए यह छूट जरूरी है।

हालांकि अब नई नीति के तहत यह छूट समाप्त हो जाएगी।

भारत ने इस बंदरगाह का इस्तेमाल वर्ष 2023 में अफगानिस्तान को 20,000 टन गेहूं भेजने और 2021 में ईरान को पर्यावरण-अनुकूल कीटनाशक आपूर्ति के लिए किया था।

भाषा प्रेम

अजय प्रेम पवनेश

पवनेश


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