आतंकवादी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान नहीं समझा जाना चाहिए : मिसरी

आतंकवादी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान नहीं समझा जाना चाहिए : मिसरी

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  • Publish Date - May 23, 2025 / 12:42 AM IST,
    Updated On - May 23, 2025 / 12:42 AM IST

(तस्वीरों के साथ)

तोक्यो, 22 मई (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बृहस्पतिवार को रेखांकित किया कि आतंकवाद अंतर नहीं करता और सभी को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यह अहम है कि आतंकवादी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान न समझा जाए।

मिसरी ने यहां आयोजित रायसीना तोक्यो 2025 को संबोधित करते हुए 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जापान द्वारा भारत को दिए गए समर्थन की सराहना की। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जापान द्वारा दिए जा रहे सहयोग की बहुत सराहना करता है, क्योंकि हमने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई त्रासदी का सामना किया है।’’

मिसरी ने कहा, ‘‘मैं इन वक्तव्यों का स्वागत करता हूं, लेकिन मैं यह भी ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हम आतंकवाद जैसी बुराई से निपट रहे हैं जो भेदभाव नहीं करती और समय-समय पर दुनिया के हर व्यक्ति को प्रभावित करती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इन हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान न समझें।’’

उनकी यह टिप्पणी कुछ पश्चिमी देशों द्वारा हाल के सैन्य संघर्ष के संदर्भ में भारत और पाकिस्तान को एक ही नजर से देखने की पृष्ठभूमि में आई है।

विदेश सचिव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में कहा कि दशकों तक सुचारू रूप से चलने के बाद, यह अनिश्चित स्थिति में है, जो हाल के दिनों में अपने उच्चतम स्तर पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले कोविड-19 महामारी आयी। इसके तुरंत बाद आपूर्ति श्रृंखला में समस्या आई, युद्ध और संघर्ष, बड़े, मध्यम और छोटे, और इन सबके बीच, व्यापार और प्रौद्योगिकी को पहले की तुलना में अधिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।’’

मिसरी ने कहा कि अशांत विश्व में भारत सार्थक और स्थिरता का कारक बनने के लिए दृढ़ संकल्प है।

भाषा धीरज आशीष

आशीष