सीमा पर घातक झड़पों के बाद संघर्षविराम वार्ता फिर से शुरू करेंगे थाईलैंड और कंबोडिया

सीमा पर घातक झड़पों के बाद संघर्षविराम वार्ता फिर से शुरू करेंगे थाईलैंड और कंबोडिया

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 05:42 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 05:42 PM IST

बैंकॉक, 22 दिसंबर (एपी) थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेत्केओ ने सोमवार को कहा कि थाईलैंड और कंबोडिया इस सप्ताह के अंत में अपनी सीमा पर अधिक स्थायी संघर्षविराम की दिशा में काम करने के लिए बातचीत फिर से शुरू करेंगे।

सिहासक फुआंगकेत्केओ ने साथ ही इस बात पर जोर भी दिया कि प्रगति विस्तृत द्विपक्षीय वार्ता पर निर्भर करती है, ना कि विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाली सार्वजनिक घोषणाओं पर।

उन्होंने सोमवार को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि अक्टूबर में किया गया सशस्त्र संघर्ष समझौता जल्दबाजी में किया गया था ताकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसके गवाह बन सकें। उन्होंने कहा कि उसमें सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने के लिए ऐसे पर्याप्त विवरण नहीं थे, जिससे यह समझौता टिकाऊ हो सके।

सिहासक ने संकट को समाप्त करने के तरीके तलाशने के लिए आयोजित बैठक के बाद कहा कि हालांकि कंबोडिया ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह बिना शर्त संघर्षविराम के लिए तैयार है, लेकिन बैंकॉक को कभी कोई प्रत्यक्ष प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि थाईलैंड का मानना ​​​​है कि ऐसे बयान मुद्दे का समाधान करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से थे।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों वाली सामान्य सीमा समिति बुधवार को एक स्थायी संघर्षविराम की दिशा में विस्तृत उपायों को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी।

सिहासक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस बार, आइए विवरणों पर विस्तार से चर्चा करें और सुनिश्चित करें कि संघर्षविराम जमीनी स्थिति को प्रतिबिंबित करे और वास्तव में कायम रहे और दोनों पक्ष संघर्षविराम का पूरी तरह से सम्मान करेंगे।’’

यह संघर्ष दो सप्ताह पहले घातक झड़पों में बदल गया था। दोनों देशों के बीच ताजा लड़ाई ने जुलाई में पांच दिन तक चले संघर्ष को खत्म करने वाले उस संघर्षविराम को पटरी से उतार दिया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में मलेशिया ने मध्यस्थता करके कराया था।

ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर थाईलैंड और कंबोडिया सहमत नहीं हुए तो वे व्यापारिक विशेषाधिकार रोक देंगे। ट्रंप की मौजूदगी में अक्टूबर में मलेशिया में आयोजित क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में संघर्षविराम को और अधिक विस्तार से औपचारिक रूप दिया गया।

इन झड़पों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका के विदेश विभाग ने दोनों देशों से शत्रुता समाप्त करने, भारी हथियार हटाने और कुआलालंपुर शांति समझौतों को लागू करने की अपील की है।

यह लड़ाई साझा सीमा पर विवादित क्षेत्रों को लेकर है। हालिया झड़पें आठ दिसंबर से शुरू हुईं, जिनमें हवाई हमले और रॉकेट दागे गए। एक सप्ताह में दोनों ओर कई लोगों की मौत हुई और पांच लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

अधिकारियों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह की लड़ाई में सीमा के दोनों तरफ 30 से अधिक लोग आधिकारिक तौर पर मारे गए हैं, जबकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पांच लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

अक्टूबर में हुए संघर्षविराम के तहत थाईलैंड को बंदी बनाए गए 18 कंबोडियाई सैनिकों को रिहा करना था और दोनों पक्षों को सीमा पर भारी हथियार और बारूदी सुरंगें हटानी थीं। लेकिन दोनों देशों के बीच तीखी दुष्प्रचार जंग जारी है, जिसमें सीमा पार मामूली हिंसा भी शामिल है।

थाईलैंड के लिए बारूदी सुरंगों का विस्फोट एक बेहद संवेदनशील मुद्दा रहा है। कंबोडिया द्वारा सीमा पर गश्त कर रहे सैनिकों को घायल करने वाली नई बारूदी सुरंगें बिछाने के आरोप के बाद थाईलैंड ने कई विरोध दर्ज कराए हैं। कंबोडिया का कहना है कि ये बारूदी सुरंगें उसके दशकों लंबे गृहयुद्ध की निशानी हैं, जो 1999 में समाप्त हुआ था।

सिहासक ने सोमवार को कहा, ‘‘ये स्पष्ट रूप से नई बिछाई गई बारूदी सुरंगें थीं, और इसकी पुष्टि आसियान पर्यवेक्षक दल ने भी की है।’ उन्होंने इसे अक्टूबर समझौते का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ बताया।

थाईलैंड नौसेना ने रविवार को कहा कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात उसके एक नौसैनिक को बारूदी सुरंग पर पैर रखने से उसके दाहिने पैर में गंभीर चोटें आईं।

नौसेना ने कंबोडियाई गढ़ के रूप में वर्णित एक क्षेत्र को सुरक्षित करते समय बड़ी संख्या में परित्यक्त हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद करने का भी दावा किया।

थाईलैंड के दावों पर कंबोडिया ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

एपी अमित माधव

माधव