रूस में व्लादिमीर पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति, संविधान संशोधन के बाद जनमत संग्रह शुरू

रूस में व्लादिमीर पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति, संविधान संशोधन के बाद जनमत संग्रह शुरू

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  • Publish Date - June 25, 2020 / 11:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

मास्को। रूस में गुरुवार को संविधान संशोधन पर जनमत संग्रह शुरू हो गया है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ समय पहले संविधान में संशोधन किया था। अब गुरुवार से अलग-अलग चरणों में मतदान शुरू हो गया है, जो अगले एक सप्ताह तक चलेगा। रूस में संविधान संशोधन करने के बाद जनमत संग्रह करना जरूरी होता है। ऐसे में अगर जनता इस फैसले के पक्ष में वोट करती है तो व्लादिमीर पुतिन का 2036 तक रूस के राष्ट्रपति पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो सकता है।

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पुतिन के द्वारा इन चुनावों का प्रस्ताव जनवरी में रखा गया था, जिसे 22 अप्रैल को करवाना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से सब कुछ टल गया, अब जब स्थिति कुछ हदतक सामान्य हुई है, तो इस चुनाव को करवाया जा रहा है। हालांकि, अभी भी काफी बदलाव किया गया है। पहले ये चुनाव एक ही दिन में पूरा होना था, लेकिन अब इसे एक हफ्ते के लिए कर दिया गया है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर वोट डाले जा सकें।

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आपको बता दें कि पिछले करीब बीस साल से व्लादिमीर पुतिन रूस की सत्ता पर विराजमान हैं, व्लादिमीर पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है, लेकिन इस संशोधन के बाद वो दस और साल तक राष्ट्रपति रह सकते हैं।

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