IED और RDX में कौन है सबसे ज्यादा खतरनाक? जानें किसके ब्लास्ट से होती है भारी तबाही!

IED केवल तब सबसे खतरनाक बनता है जब उसमें RDX जैसी शक्तिशाली विस्फोटक सामग्री डाली जाए। इसका धमाका सिर्फ इमारतों को नहीं बल्कि इंसानियत की नींव को हिला देता है, जिससे भय और तबाही फैलती है।

IED और RDX में कौन है सबसे ज्यादा खतरनाक? जानें किसके ब्लास्ट से होती है भारी तबाही!

(How Dangerous Is RDX, Image Credit: Meta AI)

Modified Date: November 11, 2025 / 05:06 pm IST
Published Date: November 11, 2025 5:02 pm IST
HIGHLIGHTS
  • दिल्ली लाल किले के पास IED ब्लास्ट में 9 मौतें।
  • RDX दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में गिना जाता है।
  • सेना नियंत्रित उद्देश्यों के लिए RDX का इस्तेमाल करती है।

IED and RDX: दिल्ली के लाल किले के पास मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास जोरदार धमाका हुआ, जिससे राजधानी में दहशत फैल गई। धमाका रेड लाइट पर रुकी हुई ह्यूंडई i20 कार में हुआ और पास की अन्य गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं। हादसे में अब तक करीब 9 लोगों की मौत की सूचना है। प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था। हालांकि पहले इसे RDX बताया जा रहा था।

RDX सबसे खतरनाक विस्फोटक

RDX का पूरा नाम Research Department Explosive या Royal Demolition Explosive है। यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली और खतरनाक विस्फोटकों में गिना जाता है। इसे पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में विकसित किया गया था। RDX की खासियत यह है कि थोड़ी मात्रा में भी व्यापक तबाही मचाई जा सकती है। इसका इस्तेमाल केवल सेना नहीं बल्कि आतंकवादी संगठन भी अपने IED बमों में कर के भारी नुकसान पहुंचाते हैं।

IED देसी बम की मारक क्षमता

IED यानी Improvised Explosive Device, एक तरह का घरेलू या अस्थायी बम है। इसे आमतौर पर लोहे की पाइप, प्रेशर कुकर या किसी अन्य कंटेनर में बनाया जाता है। इसमें RDX, TNT या अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक पदार्थ डाले जाते हैं।

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RDX इन सभी में सबसे शक्तिशाली होता है। इसकी विस्फोटक क्षमता लगभग 1.5 गुना अधिक होती है। उदाहरण के लिए, यदि TNT किसी जगह को 10 मीटर तक नुकसान पहुंचाता है, तो वही RDX 15 मीटर तक का क्षेत्र तबाह कर सकता है।

RDX कितना खतरनाक

RDX स्थिर रहने के बावजूद, एक बार सक्रिय होने पर इसे रोकना लगभग असंभव होता है। थोड़ी सी चिंगारी, मोबाइल ट्रिगर, टाइमर या रिमोट सिग्नल से भी यह ब्लास्ट हो सकता है। जब IED में RDX डाला जाता है, तो उसकी मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। RDX ब्लास्ट की शॉकवेव आसपास की इमारतों की दीवारों को तोड़ सकती है, वाहनों को उलट सकती है और एक किलोमीटर तक कंपन फैला सकती है।

IED में RDX क्यों खतरनाक

सामान्य IED में अगर अमोनियम नाइट्रेट या जेलटिन स्टिक इस्तेमाल किया जाए, तो नुकसान सीमित होता है। लेकिन RDX डालते ही धमाका बेहद तीव्र और व्यापक हो जाता है। सेना और सुरक्षा एजेंसियां RDX का इस्तेमाल केवल नियंत्रित परिस्थितियों में करती हैं, जैसे पुल ध्वस्त करना या बंकर उड़ा देना। वहीं आतंकवादी समूह इसे विनाश फैलाने के लिए प्रयोग करते हैं।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।