दुर्लभ आम की सुरक्षा के लिए 3 सुरक्षा गार्ड और 9 कुत्ते तैनात, ढाई लाख से अधिक है एक आम की कीमत

दुर्लभ आम की सुरक्षा के लिए 3 सुरक्षा गार्ड और 9 कुत्ते तैनात, ढाई लाख से अधिक है एक आम की कीमत

दुर्लभ आम की सुरक्षा के लिए 3 सुरक्षा गार्ड और 9 कुत्ते तैनात, ढाई लाख से अधिक है एक आम की कीमत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: June 23, 2021 10:44 am IST

जबलपुर, 23 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक बागवान ने लगभग 21 हजार रुपये प्रति फल की कीमत देने वाले दुर्लभ किस्म के आमों के पेड़ों की सुरक्षा के लिए तीन सुरक्षा गार्ड और नौ कुत्तों को तैनात किया है। जबलपुर से चरगवां रोड पर संकल्प सिंह परिहार ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके 12 एकड़ के फार्म हाउस में 14 प्रजाति के लगभग 1100 आम के पेड़ हैं। इसमें दुर्लभ प्रजाति के लगभग 50 पेड़ हैं |

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उन्होंने बताया, ‘‘ दुर्लभ प्रजाति का आम जापानी प्रजाति के ‘टाइयो नो टमैगो’ की तरह है । मीडिया तथा गूगल के अनुसार जापानी आम 2,70,000 रुपए में बिका है। मैं यह दावा नहीं करता की यहां लगा दुर्लभ प्रजाति का आम जापानी आम है लेकिन मुझे एक व्यापारी ने आम के एक फल का भाव 21,000 रुपये देने की पेशकश जरुरी की थी।’’

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परिहार ने कहा कि वर्तमान में इन 50 दुर्लभ पेड़ों पर केवल तीन से चार फल हैं तथा इन पेड़ों एवं फलों को सुरक्षित करने के लिए हमने तीन गार्ड और छह जर्मन शेफर्ड सहित नौ कुत्ते तैनात किए हैं। उनके अनुसार आमों को चुराने की कोशिश के बाद खेत में सुरक्षा बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि करीब पांच साल पहले उन्होंने अज्ञात छह आम की किस्मों के 100 पौधे चेन्नई से 2.5 लाख रुपये में खरीद कर लाए थे तथा इनमें से 52 पेड़ बच गए हैं। परिहार ने कहा, ‘‘ मेरा इरादा दुर्लभ किस्म के फल बेचने का नहीं है। बल्कि उनका एक बाग विकसित करने का है।’’

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उन्होंने बताया कि ‘टाइयो नो टमैगो’ आम की एक विशेष जापानी किस्म है, जो जापान के नियंत्रित वातावरण में उगाई जाती है। यह आम की दुनिया में सबसे महंगी किस्मों में से एक है। यह फल बाहर से गहरे लाल रंग का होता है और अंदर मांसल गहरे पीले रंग का होता है। यह आम एंटी आक्सिडेंट, फोलिक एसिड और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com