बाजार में बिक रहीं चीन की खूबसूरत लड़क‍ियां! अपनी मर्जी से आकर कर रही मोटी कमाई

Sex Worker News: पुलिस के अनुसार इन महिलाओं को कोई जबरदस्ती नहीं ला रहा, बल्‍क‍ि से खुद मोटी कमाई और ऐशोआराम की ज‍िंदगी जीने के ल‍िए खुद ब खुद पहुंच रही हैं।

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 10:27 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 10:29 PM IST

Chinese girls in Germany's red light areas, image source: Sapiens.org

HIGHLIGHTS
  • जर्मनी के रेडलाइट इलाकों में चीनी लड़कियां
  • फर्जी डॉक्यूमेंट्स से आकर कर रही मोटी कमाई
  • पुलिस के अनुसार ये महिलाएं खुद अपनी मर्जी से आ रही

Sex worker news: इन दिनों जर्मनी के रेडलाइट इलाकों में गजब ट्रेंड चल पड़ा है। दरअसल यहां चीन की खूबसूरत लड़क‍ियां अपनी मर्जी से इन इलाकों में आ रही हैं और काफी मोटी कमाई कर रही हैं। इतना ही नहीं बल्कि यहां पहुंचने के ल‍िए वे फर्जी डॉक्‍यूमेंट का सहारा ले रही हैं। पुलिस के अनुसार इन महिलाओं को कोई जबरदस्ती नहीं ला रहा, बल्‍क‍ि से खुद मोटी कमाई और ऐशोआराम की ज‍िंदगी जीने के ल‍िए खुद ब खुद पहुंच रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई लड़कियां ऐसे रेज‍िडेंस परमिट लेकर आती हैं, जो यूरोपीय संघ के किसी और देश में फर्जी तरीके से बनाए गए होते हैं, जिससे कि वे ब्लॉक के भीतर बिना रोक-टोक के घूम सकें। वहीं जिनके पास ये डॉक्‍यूमेंट नहीं होते, वे बाल्कन रूट से वैन में छिपकर आती हैं, जहां स्थानीय गैंग उनकी मदद करते हैं।

जर्मन पुलिस के अनुसार, ये महिलाएं आमतौर पर अपॉइंटमेंट अपार्टमेंट्स में काम करती हैं। यानी ऐसे गुप्त फ्लैट जो बाहर से सामान्य दिखते हैं, लेकिन भीतर से मिनी-ब्रोथल होते हैं। दो-तीन महिलाएं एक जगह मिलकर काम करती हैं, जहां मकान मालिक जगह, ऑनलाइन विज्ञापन देता है और उनसे आधी कमाई लेता है।

जानें क्यों हो रहा लोकप्रिय?

Sex worker news, निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार- जर्मनी को एक अमीर देश माना जाता है। जहां बहुत सारे अमीर लोगों को इन लड़क‍ियों की जरूरत होती है। घर लौटकर होटल या हेल्थकेयर में काम करने का झूठ बोलना इन लड़क‍ियों के ल‍िए आसान है। ट्रेंड के अनुसार चीनी और बुजुर्ग जर्मन पुरुषों दोनों की ये लड़कियां डिमांड होती हैं।

इधर लाइसेंसधारी ब्रोथल की शिकायत हैं कि पुलिस छापों के बाद भी अपार्टमेंट फिर खुल जाते हैं। पकड़े जाने पर वीजा कैंसिल, कमाई जब्त और री-एंट्री बैन हो सकता है, लेकिन तब तक अच्छा-खासा पैसा ये कमा चुकी होती हैं। पुलिस के लिए ये मामला और भी मुश्किल इसलिए हो जाता है क्यों कि ना जबरन तस्करी, ना पूरी तरह लीगल व्यापार फ‍िर भी इतनी लड़क‍ियां क्‍यों ख‍िंची चली आती हैं।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, मानव तस्करी का संदेह आम तौर पर साबित नहीं हो सकता, क्योंकि महिलाएं काम की जानकारी के साथ आती हैं। काफी हद तक स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा रखती हैं। जर्मनी में वेश्यावृत्ति पर कानून है, लेकिन फर्जी डॉक्‍यूमेंट पर आने की वजह से इन पर कार्रवाई हो सकती है।

जानें कैसे होता है संपर्क?

दरअसल, चीन और हांगकांग की मंदारिन बोलने वाली महिलाओं के विज्ञापन सेक्स ट्रेड वेबसाइटों पर आम हो गए हैं। कई महिलाएं ऐसे संपर्कों पर निर्भर होती हैं जो एयरपोर्ट पिकअप, आवास और काम की व्यवस्था करते हैं। इन लड़क‍ियों के ल‍िए यह विदेश में कमाई का मौका है। जर्मनी के सेक्स ट्रेड में चीनी महिलाओं की भागीदारी पर तब ध्यान गया, जब पिछले साल कोलोन के पास्चा ब्रॉथल पर छापा पड़ा। 2021 में एक चीनी निवेशक ने इस 11-मंज़िला इमारत को खरीदा था, जिसे यूरोप का सबसे बड़ा ब्रॉथल माना जाता है।

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जर्मनी में चीनी महिलाओं का रेडलाइट एरिया में आना नया ट्रेंड क्यों बन गया है?

क्योंकि जर्मनी एक अमीर देश है और यहां उच्च भुगतान करने वाले क्लाइंट मौजूद हैं। चीनी महिलाएं यहां स्वेच्छा से आती हैं, मोटी कमाई और आरामदायक जीवनशैली के लिए।

ये महिलाएं जर्मनी कैसे पहुंचती हैं?

कुछ महिलाएं यूरोपीय संघ के दूसरे देशों में बनाए गए फर्जी रेजिडेंस परमिट लेकर आती हैं, जबकि जिनके पास डॉक्यूमेंट नहीं होते वे बाल्कन रूट से वैन में छिपकर पहुंचती हैं, जहां स्थानीय गैंग मदद करते हैं।

ये महिलाएं कहां और कैसे काम करती हैं?

अधिकतर अपॉइंटमेंट अपार्टमेंट्स में, जो बाहर से सामान्य फ्लैट दिखते हैं लेकिन अंदर से मिनी-ब्रोथल होते हैं। यहां दो-तीन महिलाएं मिलकर काम करती हैं और मकान मालिक आधी कमाई लेता है।

पुलिस के लिए कार्रवाई करना मुश्किल क्यों है?

क्योंकि इनमें मानव तस्करी के सबूत नहीं होते, महिलाएं स्वेच्छा से आती हैं और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा रखती हैं। वेश्यावृत्ति जर्मनी में कानूनी है, लेकिन फर्जी डॉक्यूमेंट पर आने के कारण ही कार्रवाई संभव है।

इन महिलाओं के संपर्क और ग्राहक कैसे बनते हैं?

सेक्स ट्रेड वेबसाइटों पर मंदारिन भाषा में विज्ञापन दिए जाते हैं। कई महिलाएं एयरपोर्ट पिकअप, आवास और काम की व्यवस्था कराने वाले नेटवर्क पर निर्भर होती हैं। इनके ग्राहक बुजुर्ग जर्मन पुरुष और चीनी पुरुष दोनों होते हैं।