Bride and Groom get separated after Suhagrat हिंदू कैलेंडर के सबसे आखिरी त्योहार होली को आने में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं। इस बार 8 मार्च को देश भर में होली का त्योहार मनाया जाएगा। इसके लिए अभी से युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है। अलग-अलग हिस्सों में प्री-होली सेलिब्रेशन शुरू हो गया है। आज हम आपको होली पर निभाए जाने वाले एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
Bride and Groom get separated after Suhagrat दरअसल, राजस्थान स्थित पाली से 25 किमी दूर बसे बूसी कस्बे में होली के अवसर पर अनोखी शादी होती है। इस कस्बे में मौजीराम जी और मौजनी देवी का एक प्राचीन मंदिर है। इस इलाके में यह मान्यता है कि मौजीराम भगवान शिव के और मौजनी मां पार्वती की अवतार हैं। धुलंडी पर दोनों की शादी कराई जाती है लेकिन इसकी तैयारी कस्बे में महाने पहले से शुरू हो जाती है। अनोखी शादी में शामिल होने के लिए हजारों लोग बाहर से आते हैं। आम शादियों के जैसे कार्ड भी छपता है। इसे कस्बे के हर घर में बांटे जाते हैं। परंपरा के अनुसार गांव के बड़े-बुजुर्गों को पीले चावल वाला कार्ड दिया जाता है। सारी रस्में पूरी होने के बाद दोनों के सात फेरे होते हैं। फेरों के बाद सुहागरात पर दोनों का मिलन करवाया जाता है। फिर महाप्रसाद का वितरण होता है और बारात वापस लौट जाती है। मान्यता है कि यहां मौजीराम और मौजनी सुहागरात के बाद बिछड़ जाते हैं।
इस शादी में वर-वधू के प्राइवेट पार्ट की पूजा भी की जाती है। पूजा कर लोग संतान प्राप्ति की मांग करते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में समृद्धि की कामना करते हैं। बीच में इस परंपरा को अश्लील होने की वजह से बंद कर दिया गया था। मगर गांव में कुछ अनिष्ट हो गया है। इसके बाद फिर से शुरू हो गई है। गांव के लोगों का मानना है, इस शादी में गीतों को जरिए सेक्स एजुकेशन की शिक्षा दी जाती है।
इसके अलावा इस शादी में दूल्हे का स्वागत गालियां देकर किया जाता है। यहां पहले मौजीराम की प्रतिमा की रीति-रिवाज के साथ पूजा की जाती है। उसके बाद उनके प्राइवेट पार्ट को सजाया जाता है। उसके बाद मौजीराम को गांव के युवक अपने कंधे पर बिठाते हैं इस दौरान गालियों के शोर के साथ बिंदौली निकाली जाती है। इसके बाद उस प्रतिमा को पूरी तरह से सजाया जाता है। यहां से नाचते गाते हुए दू्ल्हा बने मौजीराम, दुल्हन मौजनी देवी के घर पहुंचते हैं। इस दौरान महिलाएं फूल बरसा कर उनका स्वागत करती हैं औऱ इस दौरान गालियां भी देती हैं। गालियां गानों के माध्यम से दी जाती हैं।