Parent’s Obsession for Competitive Exam is Destroying the Youth: कभी-कभी, माता-पिता अपने बच्चों को जीवन में सफलता प्राप्त कराने के लिए उन्हें कंपीटीटिव एग्जाम की ओर मजबूरी से धकेलते हैं। हर किसी के जीवन में एक बार तो माता-पिता ने सबको IIT या NEET जैसी परीक्षा देकर जीवन सफल करने का मंत्र दिया ही होगा। कई बार ये निर्णय बच्चे के जीवन में सुधार लाने की जगह, उसे एक बवंडर में झौंक देते हैं जिससे निकलना असंभव सा लगता है।
Parent’s Obsession for Competitive Exam is Destroying the Youth: जिसके चलते कई बच्चे इस कंपीटीटिव एग्जाम की दौड़ में लग जाते हैं और इन्हें जीवन का एक भाग बनाने की जगह, इसे ही अपना जीवन मान लेते हैं। तो कई इन परीक्षाओं में असफलता को अपने जीवन की असफलता मान लेते हैं और कई बार कुछ ऐसे कदम उठा लेते हैं जिससे केवल एक मासूम सी जिंदगी ही नहीं बल्कि एक पूरे परिवार में उथल-पुथल मच जाती है।
Parent’s Obsession for Competitive Exam is Destroying the Youth: IIT या NEET का ये जुनून बच्चों में नेचुरली डेवलप होना चाहिए लेकिन आमतौर पर बच्चों के बजाय माता-पिता इस पर ध्यान देते हैं और उनके लिए ये रास्ता चुनते हैं। अपने माता-पिता के इस जुनून को बच्चे अपनाने की कोशिश करते हैं, कई सफल हो जाते हैं, कई इस दौड़ में पीछे होकर भी इसे जीवन का एक अनुभव मानकर आगे बढ़ जाते हैं। वहीं कुछ बच्चों पर इसका बहुत ही गहरा असर पड़ता है और वह कई बार या तो डिप्रेशन में चले जाते हैं या फिर अपनी जीवन लीला समाप्त कर बैठते है।
Parent’s Obsession for Competitive Exam is Destroying the Youth: आज भी आप समाचार देखें तो आपको दिखेगा कि कितने मासूम बच्चों ने इन परीक्षाओं के कारण अपना जीवन खराब किया या सीधा खो ही दिया। इस पीढ़ी के पास ऐसे खतरनाक सोच को बदलने का अवसर और जिम्मेदारी है ताकि हमारा भविष्य इस जुनून में न फंसे, तभी आने वाला युवा खुश रह सकता है और अपने सपनों के साथ बेहतर जीवन जी सकता है, नहीं तो ये सिलसिला चलता रहेगा और युवा अपना जीवन इस बवंडर में बिताता रहेगा।
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