अनोखा केसः एक हफ्ते से स्कूल क्लास में पढ़ाई करने आ रहा बंदर, पहली बेंच में बैठता है छुट्टी होने तक

झारखंड के हजारीबाग जिले के चंपारण स्थित उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय दनुआ में यह अनोखा मामला देखने को मिला है। यहां हर रोज एक बंदर पढाई करने के लिए आ रहा है।

अनोखा केसः एक हफ्ते से स्कूल क्लास में पढ़ाई करने आ रहा बंदर, पहली बेंच में बैठता है छुट्टी होने तक

Monkey studying in school class

Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 pm IST
Published Date: September 14, 2022 3:53 pm IST

Monkey studying in school class : हजारीबाग। दुनिया में कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं जिनपर विश्वास करना कठिन होता है, ऐसा ही एक मामला झारखंड में देखने को मिल रहा है। जहां हर रोज स्कूल में पढ़ाई करने के लिए बंदर आता है। झारखंड के हजारीबाग जिले के चंपारण स्थित उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय दनुआ में यह अनोखा मामला देखने को मिला है। यहां हर रोज एक बंदर पढाई करने के लिए आ रहा है।

पहले तो स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी दहशत में आ गए थे, लेकिन अब सबकुछ नॉर्मल है। बच्चे भी बंदर के साथ बैठ क्लास कर रहे हैं। यह अनोखा बंदर पूरे इलाके में चर्चा में बना हुआ है। स्कूल प्रबंधन ने इसे भगाने की लाख कोशिश की लेकिन बंदर नहीं भागा। वह अब रोजाना क्लास खुलते ही स्कूल आ जाता है, इतना ही नहीं वह बंदर पहली बेंच पर ही बैठता है। सात दिनों से वह लागातार स्कूल आ रहा है।

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स्कूल के नवीं कक्षा में घुस गया

Monkey studying in school class : जानकारी के अनुसार 6 सितंबर को बंदर पहली बार सुबह 10 बजे वह स्कूल के नवीं कक्षा में घुस गया और पहली बेंच पर बैठ गया। क्लास में बंदर को अचानक देख शिक्षक और क्लास के विद्यार्थी घबरा गए। उसे भगाने की कोशिश भी की, लेकिन बंदर शांत होकर बेंच पर बैठा रहा। थोड़ी देर बाद साहस जुटाकर बच्चे भी पढा़ई करने बैठ गए।

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इसके बाद से बंदर रोज निर्धारित समय पर स्कूल आ रहा है। नवीं कक्षा के पलही बेंच पर बैठ बच्चों के साथ पढा़ई करता है। शिक्षकों की बातें ध्यान से सुनता है। स्कूल छुट्‌टी होने पर वह खुद चला जाता है। स्कूल के बच्चे भी इसे मनोरंजन के तौर पर देख रहे हैं। बच्चों का डर अब खत्म हो गया है और वे भी बंदर के साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com