Uranium in Breast Milk: मां के दूध में मिला कैंसर वाला जहर! इन 6 जिलों के मासूमों पर छाया संकट, स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा

Uranium in Breast Milk: पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान के डॉक्टर अरुण कुमार और प्रोफेसर अशोक घोष की अगुवाई में नई दिल्ली एम्स के डॉक्टर अशोक शर्मा के सहयोग से अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच यह अध्ययन किया गया।

Uranium in Breast Milk: मां के दूध में मिला कैंसर वाला जहर! इन 6 जिलों के मासूमों पर छाया संकट, स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा

image source: Rainbow Hospitals

Modified Date: November 23, 2025 / 11:15 pm IST
Published Date: November 23, 2025 11:12 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मां के दूध तक कैसे पहुंचा यूरेनियम?
  • साइंस मैगजीन नेचर में छपी रिपोर्ट
  • बिहार में इन 6 जिलों में छाया संकट

Uranium in Breast Milk: मां का दूध किसी भी नवजात के लिए अमृत माना जाता है। जीवन की सबसे सुरक्षित और पवित्र पोषण की शुरुआत मां के दूध से ही होती है। अगर उसी मां की दूध में जहर घुल जाए तो भला नौनिहालों को कैसे जीवन मिलेगा। बिहार में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां भूजल प्रदूषण की समस्या अब नवजात बच्चों के लिए सबसे जरूरी चीज मां के दूध तक पहुंच चुकी है।

आपको बता दें कि प्रतिष्ठित साइंस जर्नल नेचर में छपी एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि बिहार के 6 जिलों में हर स्तनपान कराने वाली महिला के दूध में यूरेनियम मिला है। यह खोज सिर्फ वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक ऐसी भयावह सच्चाई है कि यूरेनियम नामक जहर अब सीधे मां के आंचल के सहारे बच्चों के शरीर में प्रवेश कर रहा है।

पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान के डॉक्टर अरुण कुमार और प्रोफेसर अशोक घोष की अगुवाई में नई दिल्ली एम्स के डॉक्टर अशोक शर्मा के सहयोग से अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच यह अध्ययन किया गया।

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इन 6 जिलों में छाया संकट

इसके तहत भोजपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा में 17 से 35 वर्ष उम्र की कुल 40 महिलाओं के स्तन दूध के नमूने जांचे गए। हैरान करने वाली बात यह रही कि सभी नमूनों में यूरेनियम (U238) मौजूद पाया गया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि किसी भी देश या संस्था की तरफ से मां के दूध में यूरेनियम की सुरक्षित सीमा निर्धारित नहीं की गई है, यानी वैज्ञानिक रूप से इसके लिए कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं मानी जाती है।

साइंस मैगजीन नेचर में छपी रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, खगड़िया जिले में सबसे ज्यादा औसत प्रदूषण दर्ज हुआ, जबकि नालंदा में सबसे कम। कटिहार में एक नमूने में सबसे उच्च स्तर पाया गया। अध्ययन बताता है कि लगभग 70% शिशु ऐसे स्तर के संपर्क में आए जो गंभीर गैर-कैंसरजन्य स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि सबसे बड़ा खतरा उन बच्चों के लिए है, जिनके अंग अभी विकसित हो रहे हैं। उनका शरीर भारी धातुओं को जल्दी अवशोषित करता है और कम वजन होने के कारण जरा सी मात्रा भी कई गुना ज्यादा हानिकारक हो जाती है।

मां के दूध तक कैसे पहुंचा यूरेनियम?

अध्ययन के सह-लेखक एम्स के डॉक्टर अशोक शर्मा के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यूरेनियम आखिर पानी तक पहुंचा कहां से? उन्होंने कहा, ‘हम स्रोत नहीं जानते। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी इसकी वजह का पता लगा रहा है, लेकिन यह तथ्य कि यूरेनियम फूड चेन में प्रवेश कर चुका है और कैंसर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों व बच्चों के विकास पर असर डाल रहा है, जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है।’

हालांकि वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर कहा कि इस खतरे के बावजूद माताओं को बच्चे को दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए। मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और विकास के लिए अभी भी अपरिहार्य है और इसके विकल्प नहीं हैं। इसे सिर्फ डॉक्टरों की सलाह पर ही रोका जाना चाहिए।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com