IBC24 JanKarwan in Balod: इस साल के आखिर में छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में आम मतदाता चुनावों को लेकर कितनी तैयार है? अपने जनप्रतिनधियों और क्षेत्र के विकास को लेकर कितनी संतुष्ट है? इन सवालों का जवाब ढूंढने आईबीसी 24 का लोकप्रिय चुनावी कार्यक्रम आज पहुंचा है छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले बालोद में। बालोद की जनता से आज हम रूबरू होंगे और जानेंगे चुनाव और नेताओ को लेकर उनकी क्या राय है। हम यह भी जानने की कोशिश करनंगे की मौजूद सरकार में उनके क्षेत्र ने विकास के किन आयामों को छुआ और क्या सरकार की निति और योजनाएं आखिर कतार में खड़े लोगो तक पहुँच पाई। हम जानेंगे ये सब लेकिन उससे पहले बालोद जिले पर एक नजर।
बालोद जिला या कहे बालोद शहर तांदुला नदी के तट पर बसा है, जिसे आधिकारिक रूप से 1 जनवरी 2012 से जिला मुख्यालय का मिला। बालोद शहर धमतरी से 44 किमी तथा दुर्ग से दूरी 58 किमी है। बालोद जिले का जिला मुख्यालय बालोद है जो कि तांदुला (आदमाबाद) डैम के समीप है, जो सूखा एवं तांदुला नदी पर 1912 में विकसित किया गया था।
बालोद वन, जल एवं खनिज संसाधन से सम्पन्न है। साथ ही अच्छा कृषि उत्पादन भी प्राप्त करता है। जिले के तान्दुला, खरखरा एवं गोंदली डैम सिंचाई के प्रमुख स्रोत हैं। जिले में 11वीं से 15वीं शताब्दी के बीच के अनेक मंदिर मिले हैं। तान्दुला जलाशय, चितवा डोंगरी गुफा, सीतादेवी मंदिर आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी ने यहां के नगर दल्ली-राजहरा में 1977 में छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ का गठन किया और मजदूरों के हित में संघर्ष किया। (IBC24 JanKarwan in Balod: ) 1946 में यहां के डौंडीलोहारा में ज़मीदार के अत्याचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था। जिले में महापाषाण कालीन और लौहयुगीन साक्ष्य मिलते हैं।जिले के बारे में अन्य जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें