AIMIM On Nitish Government: नीतीश सरकार को समर्थन दे सकती है AIMIM, ओवैसी ने रखी बड़ी शर्त, विधायकों पर सख्त निगरानी

AIMIM may support Nitish government: अमौर में आयोजित एक जनसभा में ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि सीमांचल लंबे समय से उपेक्षित रहा है और अब इस स्थिति में सुधार जरूरी है।

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  • Publish Date - November 22, 2025 / 09:56 PM IST,
    Updated On - November 22, 2025 / 09:57 PM IST

AIMIM On Nitish Government, image source: ANI

नई दिल्ली: AIMIM may support Nitish government, एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने पर विचार कर सकती है, बशर्ते सीमांचल क्षेत्र को उसका “न्याय और अधिकार” मिले। अमौर में आयोजित एक जनसभा में ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि सीमांचल लंबे समय से उपेक्षित रहा है और अब इस स्थिति में सुधार जरूरी है।

ओवैसी ने कहा, “हम नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीमांचल को उसका हक मिलना चाहिए। विकास सिर्फ पटना या राजगीर तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। नदी कटाव, पलायन और भ्रष्टाचार ने सीमांचल को बुरी तरह प्रभावित किया है, सरकार को इन मुद्दों पर गंभीर कदम उठाने होंगे।”

सीमांचल में एआईएमआईएम का मजबूत आधार

पूर्वोत्तर बिहार का सीमांचल क्षेत्र राज्य के सबसे पिछड़े इलाकों में गिना जाता है। मुस्लिम आबादी अधिक होने के साथ-साथ कोसी नदी की बाढ़ हर साल यहां गंभीर तबाही मचाती है। लगभग 80% ग्रामीण आबादी वाले इस इलाके में विकास कार्यों का असर बेहद कम दिखता है।

AIMIM may support Nitish government हाल के विधानसभा चुनावों में सीमांचल की 24 सीटों में से एनडीए ने 14 पर जीत हासिल की, जबकि एआईएमआईएम ने अपनी पुरानी पकड़ बरकरार रखते हुए 5 सीटें जीतीं। 2020 में भी पार्टी के पास 5 सीटें थीं, हालांकि उनमें से 4 विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे।

विधायकों पर सख्त निगरानी,ओवैसी की नई रणनीति

इस बार ओवैसी ने स्पष्ट संदेश दिया कि पार्टी में अनुशासनहीनता सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी पांच विधायक सप्ताह में दो दिन अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में बैठकर कामकाज संभालेंगे और अपनी लोकेशन व तस्वीर उन्हें भेजेंगे, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

ओवैसी ने यह भी कहा कि वे खुद हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे, ताकि क्षेत्र की वास्तविक स्थिति और कामकाज की समीक्षा की जा सके।

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