Prashant Kishor Bihar Election || Image- Reddit file
Prashant Kishor Bihar Election: पटना: बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा-जेडीयू अलायंस ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। फिलहाल राजग 203 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं विपक्षी महागठबंधन सिर्फ 34 सीटों पर आगे है। लेकिन इन सबके बीच जिनकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह हैं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज की।
दरअसल चुनाव से पहले बिहार में सबसे ज्यादा चर्चा में पीके की पार्टी जन सुराज की ही थी। प्रशांत किशोर ने सैकड़ों रैलियां की थीं। वे गांवों में ठहरकर लोगों से संवाद कर रहे थे और उन्हें इस बार जात-पात से ऊपर उठकर मतदान की अपील कर रहे थे। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार में भी जन सुराज सबसे आगे थी। लेकिन मौजूदा परिणाम इस पार्टी और प्रशांत किशोर की उम्मीदों के उलट हैं। किंग या किंगमेकर बनने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर अपने किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं दिला सके। हालांकि उन्होंने खुद भी चुनाव नहीं लड़ा था। जन सुराज के उम्मीदवारों की ज्यादातर सीटों पर जमानत भी जब्त होने की आशंका है। हालांकि आखिरी नतीजे अभी आने बाकी हैं।
Prashant Kishor Bihar Election: उन्होंने प्रदेश की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन फिलहाल एक सीट पर भी उनको बढ़त नहीं दिख रही है। शुरुआती रुझानों में तीन से चार सीटों पर उनकी पार्टी लीड कर रही थी। लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ रही है, उनकी पार्टी पिछड़ती नजर आ रही है।
प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव को लेकर कई तरह के दावे किए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कम से कम 10 सीटें जीतेगी। मीडिया को दिए बयान में पीके ने कहा था कि उनकी पार्टी अगर 120 से 125 सीटें जीतती है तो वो इसको अपनी हार मानेंगे। वहीं उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 25 से ज्यादा सीटें नहीं जीतने का दावा किया था। पीके ने कहा था कि नीतीश की पार्टी अगर 25 से ज्यादा सीटें जीतती है, तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस वक्त रुझानों में जेडीयू 75 सीटों पर बढ़त बनाती नजर आ रही है।