नीतीश के राजग में वापसी के संकेतों के बीच महागठबंधन में अनिश्चितता

नीतीश के राजग में वापसी के संकेतों के बीच महागठबंधन में अनिश्चितता

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  • Publish Date - January 26, 2024 / 09:10 PM IST,
    Updated On - January 26, 2024 / 09:10 PM IST

पटना, 26 जनवरी (भाषा) बिहार में इन संकेतों के बीच राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल छाये हुए प्रतीत हो रहे हैं कि मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार अपना रुख एक बार फिर बदल कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को यहां राजभवन में आयोजित जलपान समारोह में शामिल हुए जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनकी पार्टी के अधिकांश नेता इसमें अनुपस्थित रहे।

समारोह के दौरान राजभवन में नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर पहले उपमुख्यमंत्री की पर्ची लगायी गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाकर उस कुर्सी पर जद(यू) के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री अशोक कुमार चौधरी बैठ गए।

समारोह से बाहर निकलते हुए, कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित राजद के अन्य नेताओं का काम है कि वे इस पर टिप्पणी करें कि वे (तेजस्वी यादव एवं पार्टी के अन्य नेता) समारोह में क्यों नहीं आये। पार्टी की ओर से एकमात्र उल्लेखनीय अतिथि राज्य के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता थे।

वहीं चौधरी के बगल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजय कुमार सिन्हा बैठे और वह नीतीश कुमार के साथ वार्तालाप करते हुए देखे गए।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में जलपान के आयोजन की पुरानी परंपरा रही है।

हालांकि शिक्षा मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राष्ट्रीय महासचिव आलोक कुमार मेहता राजभवन पहुंचे थे लेकिन तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित पार्टी के कई अन्य नेता इसमें शामिल नहीं हुए।

न तो मेहता और न ही राजद के किसी अन्य नेता ने यादव की अनुपस्थिति पर कोई टिप्पणी की। बताया जाता है कि तेजस्वी यादव ने कुमार के गठबंधन तोड़ने का फैसला करने की स्थिति में सत्ता जाने से रोकने की रणनीति बनाने के लिए अपने आवास पर पार्टी के करीबी नेताओं के साथ बैठक की थी।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करें कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस जाने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोगों के कल्याण के लिए और भाजपा को हराने के लिए मिलकर सरकार बनायी है। व्याप्त भ्रम बिहार में जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। केवल मुख्यमंत्री ही भ्रम को दूर कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि वह आज शाम तक ऐसा करेंगे।’’

झा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, राज्य में जदयू के मुख्य प्रवक्ता, नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘हमारे नेता महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री आवास में हैं। भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर कुछ लोग अभी भ्रम में रहने का चयन करते हैं, तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।’’

बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाह ने भी इन खबरों का खंडन किया। कुशवाहा ने संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में सब कुछ ठीक है और मीडिया की अटकलें किसी एजेंडे से प्रेरित हैं।’

नीतीश कुमार से जब समारोह में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि ‘‘जो नहीं आए उन्हें पूछिए।’’ इसके बाद वह अपने आधिकारिक आवास वापस लौट गए।

ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाखुश नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी की योजना बना रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता कहते रहे हैं कि जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं और जद(यू) नेता भी कहते रहे हैं कि पार्टी मजबूती से ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ है।

वहीं समारोह समाप्त होने के बाद पत्रकारों के बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से नीतीश कुमार के राजग में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रतिपक्ष के नेता के रूप में यहां हूँ। मुझे अटकलों के पीछे की सच्चाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसमें नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से निर्णय लिये जाते हैं। जो भी निर्णय लिया जाएगा हम सभी उसका पालन करेंगे।’’

सिन्हा बृहस्पतिवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर आयोजित बिहार भाजपा नेताओं की बैठक में भी उपस्थित थे।

सिन्हा ने महागठबंधन में दरार की अफवाहों पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह एक ऐसा सवाल है जो आपको उसके सदस्यों से पूछना चाहिए।’’

भाषा अमित माधव

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