IBC Open Window: दुनिया के इन बड़े नेताओं पर भी मंडरा रहा खतरा, यहां से है थ्रेट

IBC Open Window: शिंजो आबे की हत्या दुनिया को कर रही फिर से सोचने पर मजबूर, यह घटना दुनिया के इन बड़े नेताओं पर मंडरा रहे खतरे की निशानी भी है

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : July 8, 2022/5:58 pm IST

बरुण सखाजी

(सह-कार्यकारी संपादक, आईबीसी-24)

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री की निर्मम हत्या पूरी दुनिया पर छाए असहमतियों के भीषण टकराव की बानगी है। फिलवक्त पूरे तथ्य हमारे सामने नहीं हैं, लेकिन शिंजो अपने देश में लोकप्रिय और सौम्य नेताओं में शुमार थे। उनका भारत के साथ भी अच्छा अलाइमेंट था। यह हत्या एक तरफ जहां दुनिया में आमद दे रहे एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है तो वहीं भारत जैसे बड़े देश के सुरक्षा सिस्टम को फिर से रिव्यू करने के लिए भी कह रही है। बेशक सुरक्षा की अनेक परतें बनाई जाती हैं। हर स्तर पर जांच और पड़ताल की जाती है। अंडर कवर से लेकर एक्स्ट्रा कवर तक की व्यवस्थाएं हैं। लोकल इंटेलीजेंस आदि सब के बाद भी हत्या हो जाना आम नहीं।

दुनिया के शक्तिशाली नेताओं पर नजर

दुनिया के वर्तमान शक्तिशाली नेताओं में शुमार शिंजो की हत्या यह बताती है कि यह सिर्फ मर्डर नहीं बल्कि राजनीतिक हत्या भी है। यह अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर भी इशारा करती है। पुराने वक्त में सुरक्षा के तमाम  उपकरण और विधियां विकसित नहीं थी तो नेताओं की जहर देकर भी मारा जा सकता था। भारतीय पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मत्यु पर संदेह अब भी बरकरार है। लेकिन अब जहर से मौतें नहीं हो पाती, तो सीधे मारने की शैलियां विकसित की जा रही हैं। फिलवक्त दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति, भारतीय प्रधानमंत्री, रशियन प्रधानमंत्री, जापानी प्रधानमंत्री, फ्रांस, जर्मन और चीन के मुखिया बड़ी ताकतें हैं। इनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप, बोरिस जॉन्शन, राहुल गांधी, औलांद आदि भी बड़ी ताकतें हैं। इन ताकतों पर आतंक का साया मंडराए इसलिए ही ऐसी हत्याएं नियोजित की जाती हैं।

इसका राज खुलना दुनिया के लिए जरूरी

शिंजो आबे की हत्या का राज खुलना दुनिया के लिए जरूरी है। एक नैवी का पूर्व सैनिक आखिर इतना अधिक क्यों उग्र हुआ। क्या ऐसी वजहें थी जो यह हत्या हुई। इसके पीछे क्या है अंतरराष्ट्रीय आंतकवाद की स्थिति। इन सबकी परतें  खुलना जरूरी है। फिलहाल तो यह चौंकाने वाली घटना है। इससे सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को सबक लेते हुए अपनी सुरक्षा की समीक्षा करना चाहिए।