Naxalites surrender: सुकमा और बीजापुर में 10 हार्डकोर नक्सलियों का सरेंडर, टेकलगुड़ा घटना में शामिल थे माओवादी

Naxalites surrender in Sukma and Bijapur: बस्तर में लगातार नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है, सुकमा में एक नक्सली दंपति समेत 7 हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों पर कुल 32 लाख का इनाम था।

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  • Publish Date - February 28, 2025 / 03:38 PM IST,
    Updated On - February 28, 2025 / 04:40 PM IST

Naxalites surrender in Sukma and Bijapur, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • ये नक्सली 2021 में टेकलगुड़ा घटना में शामिल थे
  • दो पुरुष और एक महिला नक्सली पर 8-8 लाख रुपए का इनाम
  • बीजापुर में तीन नक्सलियों का सरेंडर

सुकमा/बीजापुर: Naxalites surrender in Sukma and Bijapur, बस्तर में लगातार नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है, सुकमा में एक नक्सली दंपति समेत 7 हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों पर कुल 32 लाख का इनाम था। इनमें दो पुरुष और एक महिला नक्सली पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। SP किरण चव्हाण के समक्ष इन्होंने सरेंडर किया है। ये नक्सली 2021 में टेकलगुड़ा घटना में शामिल थे। बता दें कि इस घटना में 22 जवान शहीद हुए थे।

बीजापुर में तीन नक्सलियों का सरेंडर

इधर बीजापुर में गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत पीड़िया आरपीसी के 01-01 लाख रूपये के 02 ईनामी माओवादी सहित कुल 03 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इन लोगों ने संगठन के विचारों से मोहभंग और निराशा एवं संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद के चलते आत्मसमर्पण किया है। इस दौरान आत्मसमर्पित माओवादियों ने कहा कि वे समाज के मुख्यधारा में जुड़कर स्वच्छंद रूप से पारिवारिक जीवन जीना चाहते हैं। DSP बीजापुर शरद जायसवाल ने बताया कि आत्मसमर्पित माओवादी प्रतिबंधित संगठन में डीएकेएमएस अध्यक्ष, जनताना सरकार अध्यक्ष एवं मिलिशिया सेक्शन प्लाटून डिप्टी कमाण्डर के पद पर कार्यरत थे।

कवर्धा में सर्चिंग जारी

इधर बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गए हैं। यही कारण है कि नए ठिकाने की तलाश में नक्सली संगठन अब इधर उधर भागने लगे हैं। खासकर बस्तर छोड़कर एमएमसी जोन की ओर भाग रहे हैं। बीते दिनों 19 फरवरी को कवर्धा जिला के सीमा से सटे मध्यप्रदेश के गढ़ी थाना क्षेत्र में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 4 महिला ईनामी नक्सली ढ़ेर हो गए थे। जिसके बाद से एमएमसी जोन में लगातार सर्चिंग अभियान तेज हो गई है। कवर्धा पुलिस भी 19 फरवरी से लगातार सर्चिंग चला रही है।

डीएसपी कवर्धा कृष्णा चंद्राकर ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए चारों महिला नक्सली जिले के भोरमदेव एरिया कमेटी और बोड़ला डिवीजन में सक्रिय थे। खास बात ये है कि नक्सली बस्तर में पुलिस के दबाव के चलते एमएमसी जोन की ओर भाग रहे हैं। लेकिन एमएमसी जोन में सर्चिंग तेज करने से नक्सली संगठन पूरी तरह से बैकफुट पर हैं।

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इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को क्या लाभ मिलेंगे?

सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता, पुनर्वास योजना, रोजगार और सुरक्षा प्रदान करती है।

टेकलगुड़ा घटना क्या थी, और इसमें क्या हुआ था?

टेकलगुड़ा घटना 2021 में हुई थी, जिसमें नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में 22 जवान शहीद हुए थे। अब सरेंडर करने वाले 7 नक्सली इस घटना में शामिल थे।

क्या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली फिर से संगठन में शामिल हो सकते हैं?

जो नक्सली सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ लेते हैं, वे निगरानी में रहते हैं और दोबारा संगठन में जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

एमएमसी जोन क्या है और नक्सली वहां क्यों भाग रहे हैं?

एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन एक क्षेत्र है जहां नक्सली अक्सर पुलिस के बढ़ते दबाव से बचने के लिए भागते हैं। हाल की घटनाओं के बाद वहां भी पुलिस ने सर्चिंग तेज कर दी है।