MP mission 2022: भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण का मामला बीजेपी सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है, मामला कोर्ट में 6 साल से प्रमोशन हो रहे है लेकिन अब प्रमोशन में आरक्षण और भर्तियों में सामान्य वर्ग की उपेक्षा विधानसभा चुनाव में मुद्दा बन सकती है। सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग संस्था (स्पीक) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कर्मचारियों के इस संगठन ने मैदानी लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। प्रदेशभर में कर्मचारी अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में लोगों को बताएंगे कि किस तरह से सरकार सामान्य वर्ग के साथ अन्याय कर रही है। जिला स्तर पर रैलियां, सभा कर ज्ञापन सौंपे जाएंगे। यह माहौल बना, तो विधानसभा चुनाव में इसका असर भी दिखाई दे सकता है।
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले इस वर्ग को खुश करने में लगी पार्टियां, संवाद करने की बना रहे रणनीति
MP mission 2022: मध्य प्रदेश में सवा छह साल से अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगी है। आरक्षित और अनारक्षित पक्ष के कर्मचारियों के अनुरोध के बाद भी सरकार ने पदोन्नति शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। बल्कि नए पदोन्नति नियमों का मसौदा तैयार करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग संस्था के प्रदेश अध्यक्ष केएस तोमर का कहना है कि राज्य सरकार वर्ग विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए पुराने नियमों को ही नए कलेवर में प्रस्तुत कर रही है। अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी न्यायालय में तो इसका विरोध करेंगे ही, सड़क पर भी सरकार के खिलाफ उतरेंगे।
ये भी पढ़ें- लोगों को नाचता देख खुद को रोक नहीं पाईं विधायक, मेले में डांस करती आई नजर, वीडियो वायरल
MP mission 2022: स्पीक ने जिला स्तर पर सभा, रैलियां करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए संगठन अपनी जिला इकाइयों को सक्रिय कर रहा है। प्रत्येक जिले में प्रमुख शहर, कस्बे और गांवों में सभाएं की जाएंगी, जिनमें कर्मचारी बताएंगे कि मध्य प्रदेश में किस तरह से सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है। उन्हें पदोन्नति में तो महत्व दिया ही नहीं जा रहा है, भर्तियों में भी उनकी पूछ-परख नहीं है। सरकार ने करीब 20 साल से इस वर्ग के पदों पर भर्ती नहीं की है। जबकि बैकलाग के नाम पर आरक्षित वर्ग के पद भरें जा रहे हैं। वहीं प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मामले में स्पीक और अजाक्स दोनों आमने सामने है। आरक्षित वर्ग के संगठन अजाक्स के महामंत्री एस एल सूर्यवंशी का कहना है कि मजबूती के साथ कोर्ट में पक्ष रख रहे है ताकि आरक्षित वर्ग का अहित नहीं हो लेकिन सरकार सामान्य वर्ग के दबाव में है।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Ek Sath 6 Bachho ko Diya Janm: महिला ने एक…
2 hours agoरिश्ते तार-तार… इस काम में रोड़ा बन रही अपनी ही…
2 hours ago