Parliament Winter Session 2025 || Image- ANI News File
Parliament Winter Session 2025: नई दिल्ली: आज से संसद के शीत सत्र की शुरुआत होने जा रही है। एसआईआर, कथित वोट चोरी जैसे मुद्दों की वजह से इस सत्र के हंगामेदार रहने की आशंका जाहिर की जा रही है। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि एकजुट विपक्ष ने रविवार को एसआईआर पर चर्चा के लिए दबाव बनाया। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पिछले सत्र में लगभग चर्चा नहीं हो पाई थी, क्योंकि सरकार अपनी मांग पर अड़ी रही। संसद के इस शीत सत्र का अवसान 19 दिसंबर को होगा। बिहार में मिली प्रचंड जीत से इस सत्र में सत्तादल के हौसले बुलंद होंगे।
संसद सत्र के शुरुआत से पहले विपक्षी दलों के संभावित हंगामे को भांपते हुए पीएम मोदी ने उन्हें कड़ा सन्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि, “भारत ने लोकतंत्र को जिया है। यह राष्ट्र को आगे ले जाने का प्रयास है। भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।” हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का जिक्र करते हुए भी पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि, “बिहार के नतीजों से विपक्ष परेशान है। ऐसे में विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले और सदन में मजबूत मुद्दे उठाएं। उन्हें पराजय को बौखलाहट का मैदान नहीं बनाना चाहिए। विपक्ष को चाहिए की वह भी अपना दायित्व निभाएं।” पीएम मोदी ने कहा कि, ड्रामा करने के लिए और भी जगह होती है, लेकिन हमें यहाँ हमें ड्रामा नहीं बल्कि डिलीवरी चाहिए। विपक्ष के नेता निगेटिविटी को जरा अपनी मर्यादा में रखें।
आज से संसद का शीतकालीन सत्र, PM मोदी ने विपक्ष को दी नसीहत https://t.co/JNu2wbqLtR
— IBC24 News (@IBC24News) December 1, 2025
Parliament Winter Session 2025: गौरतलब है कि, पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली विस्फोट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और बढ़ते वायु प्रदूषण सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की, लेकिन मतदाता सूची के राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण का मुद्दा उनके लिए मुख्य मुद्दा बनकर उभरा है।
Parliament Winter Session 2025: सपा के राम गोपाल यादव ने सोमवार से शुरू हो रहे 19 दिनों के सत्र, जिसमें 15 बैठकें शामिल हैं। इसे लेकर एक कड़ा सन्देश दिया है। उन्होंने कहा, “अगर SIR पर चर्चा नहीं हुई तो हम संसद नहीं चलने देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों की समीक्षा में अनियमितताएँ हैं और कुछ बूथ-स्तरीय अधिकारियों ने तनाव के कारण अपनी जान दे दी। उन्होंने दावा किया कि उनके समेत कई सपा विधायकों को “सी श्रेणी” (ज़्यादा दस्तावेज़ों की ज़रूरत) में डाल दिया गया है, क्योंकि मतदाताओं के एक खास वर्ग के नाम मतदाता सूचियों से हटाए जा रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से कहा कि वह प्रमुख सरकारी पदाधिकारियों से परामर्श के बाद उनकी मांग पर उनसे बात करेंगे, लेकिन उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया।