Putin Dinner Invitation: राहुल गांधी को नहीं, मोदी सरकार ने शशि थरूर को भेजा पुतिन के साथ डिनर का निमंत्रण.. पार्टी के इस दिग्गत नेता ने दी थरूर को नसीहत!

Putin Dinner Invitation: सरकारी सूत्रों ने गांधी के दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा किससे मुलाकात करनी है, इसका निर्णय मोदी सरकार नहीं, बल्कि दौरा करने वाला प्रतिनिधिमंडल करता है।

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  • Publish Date - December 6, 2025 / 06:47 AM IST,
    Updated On - December 6, 2025 / 06:48 AM IST

Putin Dinner Invitation || Image- Social Media File

HIGHLIGHTS
  • थरूर को पुतिन भोज का निमंत्रण
  • पवन खेड़ा ने उठाए सवाल
  • विपक्ष को आमंत्रण न मिलने पर विवाद

Putin Dinner Invitation: नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारत की राजकीय यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित राष्ट्रपति भोज में पार्टी सांसद शशि थरूर को आमंत्रित करने के फैसले पर सवाल उठाया है।

Vladimir Putin in India: “काफी आश्चर्यचकित” : पवन खेड़ा

एएनआई से बात करते हुए, खेड़ा ने कहा कि वह “काफी आश्चर्यचकित” हैं, खासकर इसलिए क्योंकि प्रमुख कांग्रेस नेताओं को अतिथि सूची में शामिल नहीं किया गया था।
खेड़ा ने कहा, “यह काफी आश्चर्य की बात है कि निमंत्रण भेजा गया। जिन्होंने निमंत्रण भेजा, उन्होंने कमाल किया, जिन्होंने निमंत्रण लिया वो भी कमाल कर रहे हैं।” भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए खेड़ा ने कहा, “हर किसी की अंतरात्मा की आवाज होती है। जब मेरे नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता है, लेकिन मुझे आमंत्रित किया जाता है, तो हमें समझना चाहिए कि यह खेल क्यों खेला जा रहा है, कौन खेल खेल रहा है और हमें इसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए।”

Putin Dinner Invitation: खेड़ा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शशि थरूर ने आज पुष्टि की कि उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय भोज में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। यह भोज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित किया गया है जो दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं। थरूर ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, “हां, मुझे निमंत्रण मिला है। मुझे निश्चित रूप से जाना चाहिए।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को इस हाई-प्रोफाइल डिनर में आमंत्रित नहीं किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं किए जाने के बारे में जानकारी नहीं है और मुझे इस बात की भी जानकारी नहीं है कि किस आधार पर निमंत्रण जारी किए गए।”

State Dinner with Vladimir Putin: ‘संसदीय परंपरा का उल्लंघन?’

Putin Dinner Invitation: इससे पहले, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को विपक्ष के नेता से न मिलने की सलाह देता है। उन्होंने इसे लंबे समय से चली आ रही संसदीय परंपरा का उल्लंघन और सरकार की “असुरक्षा” का प्रतिबिंब बताया।

राहुल गांधी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “यह एक परंपरा रही है। लेकिन इन दिनों, विदेशी गणमान्य व्यक्ति आते हैं, या जब मैं विदेश जाता हूं, तो सरकार उन्हें विपक्ष के नेता से नहीं मिलने का सुझाव देती है। यह उनकी नीति है, और वे हमेशा ऐसा करते हैं।”

उन्होंने कहा, “हमारे सभी के साथ संबंध हैं। विपक्ष के नेता एक अलग दृष्टिकोण देते हैं। हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा सिर्फ़ सरकार ही नहीं करती। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहरी लोगों से मिले। मोदी जी और विदेश मंत्रालय इस नियम का पालन नहीं करते। यह उनकी असुरक्षा है।”

Dinner Diplomacy: सरकार नहीं, प्रतिनिधिमंडल का फैसला

Putin Dinner Invitation: सरकारी सूत्रों ने गांधी के दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा किससे मुलाकात करनी है, इसका निर्णय मोदी सरकार नहीं, बल्कि दौरा करने वाला प्रतिनिधिमंडल करता है।

सूत्रों ने कहा, “किसी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्रालय आने वाले गणमान्य अतिथि के लिए सरकारी अधिकारियों और सरकारी निकायों के साथ बैठकें आयोजित करता है। सरकार के बाहर बैठकें आयोजित करना, यात्रा पर आए प्रतिनिधिमंडल पर निर्भर करता है।” उन्होंने यह भी बताया कि जून 2024 से अब तक कई विदेशी नेताओं ने विपक्ष के नेता से मुलाकात की है, जिनमें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (10 जून, 2024), वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह (1 अगस्त, 2024), मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम (21 अगस्त, 2024), मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम (16 सितंबर, 2025) और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन (8 मार्च, 2025) शामिल हैं।

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1. पुतिन के राष्ट्रपति भोज को लेकर विवाद क्यों हुआ?

थरूर को निमंत्रण मिला लेकिन कई शीर्ष विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया।

2. पवन खेड़ा ने निमंत्रण पर क्या प्रतिक्रिया दी?

उन्होंने थरूर के निमंत्रण और विपक्ष की अनदेखी पर आश्चर्य और सवाल जताए।

3. सरकार ने विपक्ष की शिकायत पर क्या कहा?

सरकार ने स्पष्ट किया कि विदेशी प्रतिनिधिमंडल खुद निर्णय करता है किनसे मिलना है।