‘पूर्ण’ गरीबी लगभग समाप्त: नीति सदस्य विरमानी

‘पूर्ण’ गरीबी लगभग समाप्त: नीति सदस्य विरमानी

  •  
  • Publish Date - March 11, 2025 / 10:37 PM IST,
    Updated On - March 11, 2025 / 10:37 PM IST

मुंबई, 11 मार्च (भाषा) नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने मंगलवार को कहा है कि विश्व बैंक के मानदंडों के अनुसार मापी गई पूर्ण गरीबी भारत में ‘लगभग समाप्त’ हो गई है तथा प्रतिदिन 1.9 डॉलर से कम कमाने वाले कुछ लोगों के लिए सामान्य नीतिगत कार्यवाही नहीं की जा सकती है।

विरमानी ने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कमजोर’ के रूप में चिह्नित आबादी का प्रतिशत भी काफी कम हो गया है तथा अगले सात वर्षों में समाप्त हो जाएगा।

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्ण गरीबी कम तो हुई है, लेकिन आय वितरण के दृष्टिकोण से स्थिति ‘बदतर’ हुई है।

वर्ष 2007-09 के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके विरमानी ने कहा, ‘‘11 वर्षों में पूर्ण गरीबी 12.2 प्रतिशत से घटकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई है तथा यह और घटकर एक प्रतिशत हो गई है। सही मायने में यह गरीबी, जिसके बारे में हम 50 वर्षों से बात कर रहे थे, अब समाप्त हो गई है…।’’

उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत आबादी जो अभी भी पूर्ण गरीबी से बाहर नहीं आई है, दूरदराज के इलाकों और पहाड़ी इलाकों में रहती है और हमें ऐसे लोगों की तलाश करनी होगी।

विरमानी ने कहा, ‘‘आपको वहां जाकर वास्तविक व्यक्ति को खोजना होगा। आपके पास ऐसे मामलों से निपटने के लिए कोई सामान्य नीति नहीं हो सकती।’’

उन्होंने बताया कि 1960 के दशक में, विश्व बैंक ने पूर्ण गरीबी की परिभाषा के अंतर्गत प्रति दिन एक डॉलर से कम कमाने वाले लोगों को रखा था, जो आज मुद्रास्फीति के साथ समायोजित होकर 1.9 डॉलर प्रति दिन होगा।

भाषा रमण अजय

अजय