नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) अदाणी विल्मर लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 600 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। यह विभिन्न व्यवसायों में क्षमता वृद्धि के लिए मौजूदा करीब 3,400 करोड़ रुपये के विस्तार कार्यक्रम के अतिरिक्त है।
अदाणी विल्मर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंग्शु मलिक ने मंगलवार को कहा कि कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल कारोबार की प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने पर निवेश करेगी। इसके अलावा वह मात्रा के लिहाज से उच्च वृद्धि हासिल करने के लिए उपभोक्ताओं के साथ-साथ संस्थागत खरीदारों के लिए और अधिक खाद्य उत्पाद पेश करेगी।
अदाणी समूह और सिंगापुर की विल्मर के बीच बराबर की हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम अदाणी विल्मर ने कहा कि प्रवर्तकों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को पूरा करने के लिए अगले साल फरवरी तक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 88 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत करने की जरूरत है। फिलहाल कंपनी का बाजार पूंजीकरण 45,794 करोड़ रुपये है।
अहमदाबाद स्थित कंपनी खाद्य तेल, खाद्य व दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं तथा उद्योग के लिए आवश्यक वस्तुओं के कारोबार में है। कंपनी अपने अधिकतर उत्पाद फॉर्च्यून ब्रांड नाम से बेचती है।
कंपनी ने सोमवार को जानकारी दी थी कि उसका चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ बढ़कर 313.20 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में 78.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। अप्रैल-जून तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 14,229.87 करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल की समान अवधि में 12,994.18 करोड़ रुपये थी।
मलिक के ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्मकार में कहा, ‘‘ अप्रैल-जून तिमाही हमारे लिए अच्छी रही। हमने 12 प्रतिशत की मात्रा वृद्धि और 10 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि हासिल की। खाद्य तेल, जो हमारा मुख्य कारोबार है उसमें हमने 10 लाख टन का कारोबार हासिल किया, जो मात्रा के लिहाज से 12 प्रतिशत की वृद्धि है।’’
विस्तार योजनाओं पर मलिक ने कहा, ‘‘ कंपनी चालू वित्त वर्ष में 2,200 करोड़ रुपये के मौजूदा पूंजीगत व्यय कार्यक्रम को पूरा करेगी। पिछले वित्त वर्ष में शुरू किया गया 1,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय मार्च, 2026 तक पूरा हो जाएगा।’’
अदाणी विल्मर के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) श्रीकांत कन्हेरे ने कहा, ‘‘ कंपनी सूरजमुखी तथा कपास जैसे तिलहनों की प्रसंस्करण क्षमताओं का विस्तार करने और सौर उत्पादन क्षमता को आठ मेगावाट से बढ़ाकर 15 मेगावाट करने के लिए 500-600 करोड़ रुपये का नया पूंजीगत व्यय कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। कुछ राशि मौजूदा संयंत्रों के रखरखाव पर भी खर्च की जाएगी।’’
कंपनी संस्थागत खरीदारों के लिए नए विशेष उत्पाद और उपभोक्ताओं के लिए नूडल्स तथा पास्ता जैसी वस्तुएं भी पेश करेगी।
भाषा निहारिका अजय
अजय