ओमान के साथ समझौता से निर्यात को मिलेगी गति, खाड़ी देश में रणनीतिक मौजूदगी होगी मजबूत: उद्योग

ओमान के साथ समझौता से निर्यात को मिलेगी गति, खाड़ी देश में रणनीतिक मौजूदगी होगी मजबूत: उद्योग

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 09:35 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 09:35 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) उद्योग जगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौता न केवल व्यापारिक अवसर और निर्यात बढ़ाएगा, बल्कि खाड़ी देश में भारत की रणनीतिक मौजूदगी को भी मजबूत करेगा।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बृहस्पतिवार को मस्कट में हस्ताक्षर किए गए।

उद्योग मंडल सीआईआई के महासचिव चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘हम भारत-ओमान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) की घोषणा का स्वागत करते हैं। यह खाड़ी के महत्वपूर्ण साझेदार के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’

उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत की सक्रिय व्यापार रणनीति को दर्शाता है और यह उच्च गुणवत्ता वाली, पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों को नई गति और दिशा देगा, जो निर्यात वृद्धि, निवेश-आधारित वृद्धि और भरोसेमंद आर्थिक सहयोग को समर्थन देंगी।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ओमान के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता बाजार पहुंच और व्यापार सुगमता को बढ़ाता है। साथ ही सेवाओं, निवेश, प्रौद्योगिकी सहयोग और पेशेवरों की आवाजाही के लिए एक अनुकूल ढांचा तैयार करता है….। मुझे विश्वास है कि यह समझौता हरित ऊर्जा और कृषि-नवाचार स्टार्टअप जैसे उभरते क्षेत्रों सहित व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा…।’’

फिक्की के अध्यक्ष अनंत गोयनका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक साझेदारियां लगातार मजबूत हो रही हैं। यह पश्चिम एशिया के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को मजबूत बनाने वाला एक महत्वपूर्ण समझौता है। यह समझौता व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा और भारतीय व्यवसायों के लिए वस्तुओं और सेवाओं दोनों क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।’’

उन्होंने कहा कि सीईपीए भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, क्योंकि ओमान ने भारतीय पेशेवरों की आवाजाही और ओमान में वाणिज्यिक उपस्थिति के संबंध में अत्यधिक उदार प्रतिबद्धताएं दी हैं।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि ओमान के साथ व्यापार समझौता भारत के लिए एक बड़ी व्यापारिक सफलता से कहीं अधिक रणनीतिक मजबूती है, क्योंकि इसका उद्देश्य बाजार तक पहुंच, पेशेवर गतिशीलता और एक महत्वपूर्ण समुद्री एवं ऊर्जा गलियारे में नयी दिल्ली के प्रभाव को मजबूत करना है।

जीटीआरआई ने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार का आकार (10.5 अरब डॉलर) छोटा होने के बावजूद समझौते का असली महत्व शुल्कों से आगे जाकर रणनीतिक और भू-राजनीतिक प्रभाव रखता है।

आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि यह भारत की खाड़ी के मुहाने पर आर्थिक और भू-राजनीतिक मौजूदगी को मजबूत करता है, ओमान में स्थानीय कंपनियों की लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला में भूमिका को बढ़ाता है और ऊर्जा, सेवाओं और क्षेत्रीय पहुंच में भारत की व्यापक रणनीति का समर्थन करता है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह समझौता व्यापार में बड़ी सफलता से ज्यादा रणनीतिक महत्व रखता है। यह महत्वपूर्ण समुद्री और ऊर्जा गलियारे में भारत की बाजार पहुंच, पेशेवरों की आवाजाही और प्रभाव को मजबूत करता है।’

भाषा योगेश रमण

रमण