बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक से होगा संचालन मानकों में सुधार, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा: सूत्र

बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक से होगा संचालन मानकों में सुधार, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा: सूत्र

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  • Publish Date - August 9, 2024 / 07:36 PM IST,
    Updated On - August 9, 2024 / 07:36 PM IST

नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक का उद्देश्य संचालन मानकों में सुधार, जमाकर्ताओं और निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करना तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता में सुधार लाना है। सूत्रों ने यह बात कही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। इसमें अन्य बातों के अलावा हर बैंक खाताधारक द्वारा मनोनीत ‘नॉमिनी’ व्यक्तियों की संख्या एक से बढ़ाकर चार करने का प्रावधान किया गया है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘प्रस्तावित विधेयक का मकसद संचालन मानकों में सुधार, जमाकर्ताओं और निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता में सुधार करना है। साथ ही बैंकों की तरफ से आरबीआई को रिपोर्टिंग व्यवस्था को बेहतर बनाना और सहकारी बैंकों में निदेशकों (चेयरपर्सन और पूर्णकालिक निदेशकों के अलावा) के कार्यकाल को बढ़ाना है।’’

एक अन्य प्रस्तावित बदलाव निदेशकों के लिए ‘उल्लेखनीय हित’ को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है। इसके तहत शेयरधारिता की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। पांच लाख रुपये की सीमा 1968 में तय की गई थी।

इसके अलावा, सहकारी बैंकों के निदेशकों (चेयरमैन और पूर्णकालिक निदेशकों के अलावा) का कार्यकाल आठ साल से बढ़ाकर 10 साल करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को भुगतान किए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रस्ताव किया गया है।

इसके अलावा नियामकीय अनुपालन के तहत बैंकों के लिए आरबीआई को रिपोर्ट करने की तिथियों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है।

इस विधेयक को पिछले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, जिसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1980 में संशोधन का प्रस्ताव है।

भाषा

रमण अजय

अजय