नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को एक मई, 2009 से 17 नवंबर, 2015 तक की अवधि के लिए उर्वरक (यूरिया) इकाइयों को घरेलू गैस की आपूर्ति पर विपणन मार्जिन के निर्धारण को मंजूरी दे दी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह मंजूरी एक संरचनात्मक सुधार है।’’
गैस विपणन कंपनियों द्वारा गैस के विपणन से जुड़े अतिरिक्त जोखिम और लागत को वहन करने के लिए गैस की लागत से अधिक उपभोक्ताओं से विपणन मार्जिन वसूला जाता है। सरकार ने पहले वर्ष 2015 में यूरिया और एलपीजी उत्पादकों को घरेलू गैस की आपूर्ति पर विपणन मार्जिन निर्धारित किया था।
बयान में कहा गया है, ‘‘यह अनुमोदन विभिन्न उर्वरक (यूरिया) इकाइयों को एक मई, 2009 से 17 नवंबर, 2015 के दौरान खरीदी गई घरेलू गैस पर उनके द्वारा भुगतान किए गए विपणन मार्जिन के घटक के लिए अतिरिक्त पूंजी प्रदान करेगा, जो 18 नवंबर, 2015 से आगे पहले से भुगतान की जा रही दरों के आधार पर होगा।’’
सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह मंजूरी निर्माताओं को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
बढ़े हुए निवेश से उर्वरकों में आत्मनिर्भरता आएगी और गैस बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भविष्य के निवेश के लिए निश्चितता का तत्व मिलेगा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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