मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा) भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने मंगलवार को सरकार से कच्चे कपास के आयात पर 11 प्रतिशत सीमा शुल्क हटाने का आग्रह किया, क्योंकि कम उत्पादन के कारण घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे कपड़ा उद्योग प्रभावित हो रहा है।
सीएआई ने एक बयान में कहा कि मौजूदा बाजार चुनौतियां, जो कम घरेलू उत्पादकता और उच्च एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के कारण हैं, ने भारतीय कपास को अन्य प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में महंगा बना दिया है।
सीएआई के अध्यक्ष विनय एन कोटक ने कहा, ‘‘भारत में कपास आयात पर लगाया गया 11 प्रतिशत आयात शुल्क न केवल कीमतों को विकृत करता है, बल्कि हमारे कपड़ा उद्योग की परेशानी को भी बढ़ाता है।’’
उन्होंने कहा कि अगर 11 प्रतिशत आयात शुल्क नहीं हटाया गया, तो भारतीय कपड़ा उत्पाद प्रतिस्पर्धी नहीं रहेंगे, और खरीदार वियतनाम, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य बाजारों में चले जाएंगे।
कोटक ने कहा, ‘‘इससे दुनिया के कपास कपड़ा बाजार में भारत की हिस्सेदारी को लंबे समय तक नुकसान हो सकता है।’’
इस बीच, सीएआई ने वर्ष 2025-26 सत्र के लिए अपने कपास उत्पादन के अनुमान को 4.50 लाख गांठ बढ़ाकर 309.50 लाख गांठ कर दिया है।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
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