पाइपलाइन शुल्क ढांचे में सुधार के बाद सीएनजी, पीएनजी कीमतों में कटौती शुरू

पाइपलाइन शुल्क ढांचे में सुधार के बाद सीएनजी, पीएनजी कीमतों में कटौती शुरू

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 03:32 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 03:32 PM IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) की तरफ से पाइपलाइन शुल्क ढांचे में किए गए सुधार का सीधा लाभ अब उपभोक्ताओं तक पहुंचने लगा है। शहरी गैस वितरक कंपनियों ने सीएनजी और घरों तक पाइप से पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस की कीमतों में कटौती शुरू कर दी है।

पीएनजीआरबी ने 16 दिसंबर को प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के लिए एक युक्तिसंगत और एकीकृत शुल्क ढांचे की घोषणा की थी। यह नया ढांचा एक जनवरी, 2026 से लागू होने वाला है।

इस फैसले के बाद थिंक गैस कंपनी ने कई राज्यों में गैस कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है और आने वाले दिनों में कई अन्य शहरी गैस वितरक कंपनियों के ऐसा करने की संभावना है।

नियामक का कहना है कि नए ढांचे से गैस परिवहन प्रणाली अधिक सरल, न्यायसंगत और किफायती बनेगी। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक निर्माण, सीएनजी और घरेलू रसोई ईंधन के रूप में किया जाता है।

संशोधित शुल्क व्यवस्था के तहत दूरी आधारित शुल्क क्षेत्रों की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है। ये दो शुल्क क्षेत्र 300 किलोमीटर तक और उससे अधिक दूरी के हैं।

सीएनजी और घरेलू पीएनजी उपभोक्ताओं के लिए अब पूरे देश में एकसमान, कम दर वाला जोन-1 शुल्क ही लागू होगा। यह दर लगभग 54 रुपये प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट है, चाहे गैस स्रोत की दूरी कुछ भी हो। इससे पहले लंबी दूरी वाली गैस पर अधिक शुल्क वसूला जाता था।

उद्योग का आकलन है कि इस बदलाव से लागत में सालाना हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका सीधा असर अंतिम उपभोक्ताओं के लिए कम कीमतों के रूप में दिखेगा। यह सुधार ‘एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक शुल्क’ की अवधारणा को मजबूती देता है और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करता है।

शुल्क कटौती के बाद शहरी गैस वितरण से जुड़ी कंपनी थिंक गैस ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब में सीएनजी की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम तक और घरेलू पीएनजी में लगभग तीन रुपये प्रति मानक घन मीटर की कटौती की घोषणा की है।

कंपनी ने अन्य क्षेत्रों में भी पांच रुपये प्रति मानक घन मीटर तक कटौती और कुछ गैर-ग्रिड राज्यों में स्वैच्छिक मूल्य कटौती की भी योजना बनाई है।

शहरी गैस वितरण कंपनियों के संघ (एसीई) ने पीएनजीआरबी के एकीकृत शुल्क आदेश का स्वागत किया है।

एसीई के महानिदेशक सुभाष कुमार ने कहा, “यह सुधार प्राकृतिक गैस की वहन-क्षमता और पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा मिलेगा, निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा और उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहेंगे।”

उन्होंने एक बयान में कहा कि प्राकृतिक गैस का कार्बन फुटप्रिंट डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की तुलना में 13 से 32 प्रतिशत तक कम है और यह कदम भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा।

वर्तमान में देश के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी छह प्रतिशत से थोड़ी ही अधिक है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण