Chhattisgarh Electricity Rates Increased: छत्तीसगढ़ में बिजली बिल में इजाफे से भड़की कांग्रेस.. राज्य की भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, जानें क्या कहा
छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में 1.89 प्रतिशत वृद्धि: कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की
Chhattisgarh Electricity Rates Increased || Image- Moneycontrol
- सभी उपभोक्ताओं के लिए औसतन 1.89% दर वृद्धि,
- घरेलू बिजली दरों में 0.10 से 0.20 रुपये वृद्धि,
- मुरमुरा-पोहा मिल को 10% ऊर्जा छूट मिली,
Chhattisgarh Electricity Rates Increased : रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में औसतन 1.89 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी। नई दरें एक जुलाई से प्रभावी हो गई हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मोबाईल टावरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।
बिजली दरों में 0.10 रुपये से 0.20 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि
बयान में कहा गया है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम और जांच केंद्रों के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 0.10 रुपये से 0.20 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इसका असर राज्य के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
राज्य में बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के लिए तीन सरकारी कंपनियों द्वारा बिजली सेवाओं का प्रबंधन किया जाता है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर ने एक बयान में कहा कि बिजली दरों में मौजूदा दरों की तुलना में औसतन केवल 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो नाममात्र है।
अस्थायी कनेक्शनों के लिए रियायत बढ़ाई गई
Chhattisgarh Electricity Rates Increased : सिंह ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में दर में वृद्धि की गई है जिसका भार प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाता है। …इसलिए इससे कृषि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, अस्थायी कनेक्शनों, आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस आदि के लिए रियायत बढ़ाई गई है या यथावत रखी गई है।
बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को विद्युत की लागत 7.02 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4.10 रुपये की दर से विद्युत आपूर्ति की जाती है। सिंह ने कहा कि निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
बयान में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने मोबाइल टावर की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए इन क्षेत्रों में आने वाले सभी मोबाइल टावरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है। कृषि पंपों के लिए दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। कृषि पंपों के विद्युत देयकों का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है, इसलिए यह भार राज्य शासन स्वयं वहन करेगा। वहीं गैर घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया
इसमें कहा गया है कि महिला सशक्तिकरण के लिए पंजीकृत महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग संबंधी गतिविधियों और व्यावसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं जांच केंद्रों के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
Chhattisgarh Electricity Rates Increased : पोहा और मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में पांच प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया है। ऑफसेट प्रिन्टर्स और प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को गैर घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में सम्मिलित किया गया है जो कि पहले की अपेक्षा कम है।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की है तथा आरोप लगाया है कि राज्य सरकार बिजली की आपूर्ति को पूरा करने में विफल रही है और इसके बावजूद बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही है। ऊपर से बिजली के दामों में एक बार फिर से बढ़ोत्तरी कर दी गई।

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